नई दिल्ली। (Monetary Policy Committee) लगातार तीन तिमाहियों से खुदरा मुद्रास्फीति को 6 फीसदी से नीचे रखने में नाकाम रहने पर रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 3 नवंबर को विशेष बैठक बुलाई है। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि मौद्रिक नीति समिति की एक अतिरिक्त बैठक 3 नवंबर को होगी। केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम की धारा 45ZN के प्रावधानों के तहत MPC की एक अतिरिक्त बैठक 3 नवंबर, 2022 को शेड्यूल की जा रही है।
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RBI अधिनियम की धारा 45ZN मुद्रास्फीति लक्ष्य को बनाए रखने में नाकाम रहने से संबंधित है। मुद्रास्फीति लगातार नौ महीनों या तीन तिमाहियों से 6 प्रतिशत की अधिकतम सहनशीलता सीमा से ऊपर बनी हुई है। बता दें कि तमाम कोशिशों के बावजूद देश में लगातार बढ़ती महंगाई (Inflation) के कारण रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने (RBI Repo Rate Hike) का फैसला किया था।
लगातार बढ़ रही है महंगाई: MPC की ये अतिरिक्त बैठक इसलिए बुलाई गई है ताकि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के उपायों पर विचार-विमर्श कर सके। तमाम कोशिशों के बाद भी महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.41 प्रतिशत हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति पिछली तीन तिमाहियों से आरबीआई की सहनशीलता सीमा से परे रही है। (Monetary Policy Committee)
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मई से चार बार बढ़ चुकी है रेपो रेट: मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी पिछली बैठक में liquidity adjustment facility (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। मई में रेपो दर में 40 बेसिस पॉइंट्स की अप्रत्याशित वृद्धि के बाद जून और अगस्त महीने में आरबीआइ ने 50 -50 आधार अंकों की वृद्धि की गई है।