डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने फरमाया कि संतों का (Dr. Gurmeet Ram Rahim) काम इस समाज में आकर बुराइयां दूर करना होता है। संत किसी के धर्म, मज़हब में दखल नहीं देते बल्कि वो तो सिखाते हैं कि अपने-अपने धर्म में रहते हुए अपने-अपने धर्म को मान लो और हम कितनी बार कह चुके हैं कि सभी धर्मों के भक्त अगर इसी मिनट से धर्म को मानना शुरू कर देंगे, अगले मिनट धरती पर प्यार-मोहब्बत की गंगा बहने लगेगी। क्योंकि धर्मों में बेग़र्ज, नि:स्वार्थ प्यार की बात कही है।
फिजूल की बहस ना करो, किसी को गलत ना बोलो, किसी की निंदा ना करो, किसी का निरादर ना करो, सबका सत्कार करो, सबकी इज्जत करो, नशे ना करो, माँसाहार को त्याग दो, क्योंकि इससे निर्दयता आती है, आदमी के अंदर से दया-रहम नाम की चीज चली जाती है। तो ऐसी भक्ति की बातें हमारे संत, पीर-फकीरों ने बताई और वही बात दाता, रहबर ने बहुत सारे भजनों के द्वारा कही, कि कभी किसी का बुरा ना सोचो, कभी किसी का दिल ना दुखाओ।
‘‘दिल ना किसी का दुखाना भाई, दिल ना किसी का दुखाना, हर दिल में प्रभु का ठिकाना भाई, हर दिल में प्रभु का ठिकाना’’। कभी किसी का दिल ना दुखाओ, हाँ वचनों पर पक्का रहना जरूरी है। उसके बाद किसी पर टोंट ना कसो, किसी का बुरा ना तकाओ, किसी को बुरा कहो ना, क्योंकि जब आप दूसरों का दिल दुखाते हैं तो भगवान की प्राप्ति बारे सोच भी नहीं सकते। क्योंकि हर दिल में वो रहता है। (Dr. Gurmeet Ram Rahim) कण-कण में, जर्रे-जर्रे में प्रभु मौजूद है। तो अगर आपका मूड खराब है, आपको कोई टैंशन है, कोई परेशानी है तो आप उस परेशानी को, उस टैंशन को सुमिरन के द्वारा, भक्ति-इबादत के द्वारा दूर करें, ना कि किसी पर चिल्ला कर या किसी को बुरा कहकर। कई बार होता है कि घर में कोई परेशानी आ जाती है। कोई मुश्किलें होती हैं। आप घर में कहने की बजाय बाहर समाज में जाकर वो बात कहते हैं।
गलत बोलते हैं। तो एक तरह से प्रभु का औलाद का दिल दुखाते हैं। आम, हमने आपसे कितनी बार बोली है ये बात, बेपरवाह जी भी फरमाया करते, हर बॉडी में उन्होंने बोला कि पहले तोलो और फिर बोलो। बोलने से पहले थोड़ा ब्रेक लिया करो, तुनकमिजाजी अच्छी नहीं होती। आपको कोई बात कही गई और झट से आपने उस पर रिएक्ट कर दिया। खास करके गुस्से वाला या कड़वा किसी को बोल दिया, ये गलत बात है।
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आपको कोई किसी के बारे में गलत कहता है, किसी के बारे में गलत बोलता है या आपके पास आकर कोई किसी की चुगली करता है, कि फलां आदमी आपके बारे में बहुत बुरा बोलता है। फलां आदमी आपको गालियां देता है तो आप उसी समय राशन पानी लेकर उसके ऊपर ना चढ़ो बल्कि विराम दो, एक दिन कम से कम। आप उससे बात ना करो। एक दिन में आपका गुस्सा वैसे ही 50 पर्सेंट तो चला ही जाएगा। (Dr. Gurmeet Ram Rahim) और फिर जाकर जब पूछोगे प्यार से कि क्या भाई आपने ऐसा बोला आपने। तो यकीन मानो जो उसने बताया होगा, उसने 5-10 पर्सेंट ही बोला होगा। लेकिन तीसरे व्यक्ति ने 100 पर्सेंट उसको पॉलिस करके, या मसाला लगाकर आप तक पहुँचाया तो आप समझ जाएंगे कि वो आदमी आपको लड़ाना चाहता है। तो फिर उसकी बात पर आप जल्दी से यकीन ना करें।