World Liver Day 2023: आज तक हमारे खान-पान और बदलती लाइफस्टाइल के कारण दुनिया में बहुत से लोग किसी का किसी गंभीर रोग से पीड़ित हैं. यदि हमारी लाइफस्टाइल, खान-पीन अच्छा होता हैं तो हम खुद को इन बिमारियों से बचा सकते हैं. वही मोटापा और अस्वस्थ जीवनशैली शरीर के जिन अंगों को प्रभावित करती है, उनमें सबसे महत्वपूर्ण है-लिवर। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायरायड और अनियंत्रित कोलेस्ट्राल से नान-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का जोखिम अधिक रहता है। यह समस्या आगे चलकर लिवर सिरोसिस में बदल जाती है। अगर अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं, तो यह सिरोसिस को खुला निमंत्रण है।
लिवर को लेकर रहें सतर्क
लिवर की बीमारी का एक बहुत सामान्य कारण है-वायरल हेपेटाइटिस। हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी वायरस से लिवर की क्षमता में गिरावट आने लगती है। (World Liver Day 2023) शुरुआती तौर पर लिवर की बीमारी के कोई खास लक्षण नहीं दिखते। यहां तक कि नियमित रक्त जांच में भी कई बार यह पकड़ में नहीं आता। ऐसे में अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती है।
संक्रमण से बचना है जरूरी
हेपेटाइटिस-बी दुनियाभर में सबसे आम समस्या है। देखा गया है कि हमारे देश में यह बीमारी मां से बच्चे में फैलती है। यह शरीर में लंबे समय तक बनी रहती है। रक्त जांच या रक्तदान करते समय या गर्भावस्था में जांच के दौरान पता चलता है कि हेपेटाइटिस-बी पाजिटिव है। (World Liver Day 2023) जब तक इसके स्पष्ट लक्षण उभरने शुरू होते हैं, तब तक बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी होती है। ऐसे में जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका पता लगाया जाये। वहीं, हेपेटाइटिस-सी आमतौर पर इंजेक्शन के दोबारा इस्तेमाल से होती है। किसी संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने या पहले कोई सर्जरी हुई होती है, तो भी इसकी आशंका अधिक रहती है। हालांकि, इसमें अब काफी हद कमी देखी जा रही है।
लिवर की बीमारी से जुड़े कुछ अहम लक्षण
-यदि लिवर की कार्यप्रणाली बाधित हो रही है, तो कमजोरी और थकान महसूस होती है।
-पेट के ऊपर वाले भाग में दर्द और खिंचाव हो सकता है।
-कुछ लोगों को गैस की समस्या बढ़ जाती है।
-अगर पेट बाहर निकला है या गर्दन काला पड़ रहा है, तो यह लिवर की बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
दिख सकती हैं ये समस्याएं भी
-खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस होना।
-सीधे हाथ में थोड़ा भारीपन लगना।
-थकान, कमजोरी के साथ-साथ एकाग्रचित होने में समस्या।
उपलब्ध है उपचार
-हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी दोनों के लिए ही इलाज उपलब्ध है, हालांकि इसके लिए बीमारी का शुरुआती चरण में ही पता चलना आवश्यक है।
-अगर एडवांस स्टेज में पता चलता है, तो भी कुछ जरूरी उपाय किए जा सकते हैं।
-हेपेटाइटिस-सी की कुछ दवाएं बीमारी को खत्म करने में समर्थ हैं, (World Liver Day 2023) लेकिन हेपेटाइटिस-बी को अभी केवल नियंत्रित करने वाली ही दवाएं हैं। आने वाले कुछ वर्षों में इसका भी पूरी तरह से इलाज संभव हो सकेगा।
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लिवर को ऐसे रखें सुरक्षित
-शराब को पूरी तरह से ना कहें।
-धूमपान बिल्कुल छोड़ दें।
-मांसपेशियों को मजबूत करें। इससे लिवर स्वस्थ होगा।
-ब्रिस्क वाक को दिनचर्या में शामिल करें।
-नियमित हेपेटाइटिस-सी की जांच कराते रहें।
-वजन का अनुपात दुरुस्त रखें।
खाने में इन बातों का रखें ध्यान
-चीनी और चिकनाई वाले खाद्य और पेय पदार्थों से दूर रहें।
-फ्री शुगर को बिल्कुल भी ना लें।
-खाने में थोड़ा हल्दी का उपयोग जरूर करें।
-ब्लैक काफी का उपयोग एक बेहतर विकल्प है।
-मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन जरूर करें।