नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल सभी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की जाए और इनका निपटारा किया जाए।
सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ कई हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हैं। उनमें से एक दिल्ली हाईकोर्ट भी है। मेहता ने कहा कि मेरी गुजारिश है कि सभी याचिकाओं पर एक साथ दिल्ली या अन्य हाईकोर्ट में सुनवाई की जाए। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप एक ट्रांसफर पीटिशन दायर करिए। हम हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई करने को भेज देंगे।
शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हम उन्हें सुनकर ही मामला स्थानांतरित करेंगे। वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना से संबंधित देशभर में लंबित मामलों को एकसाथ सुनवाई के लिए ट्रांसफर करेगा। इस पर एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील कुमुद ने मामले को शुक्रवार तक स्थानांतरित करने की मांग की। वहीं, वकील की मांग पर पीठ ने कहा कि हम देखते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। हाईकोर्ट को पहले सुनवाई करने दिया जाए, ताकि हमारे पास हाईकोर्ट का रुख होगा।
बता दें कि अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगाई गई हैं। ये याचिकाएं मनोहर लाल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत की तरफ से अलग-अलग दायर की गई हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों पर अग्निपथ योजना लागू नहीं की जानी चाहिए, जो पहले से ही सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। उन्हें 4 साल की बजाए पुराने हिसाब से सर्विस मिलनी चाहिए।
इन सभी याचिकाओं में अग्निपथ योजना को देश के खिलाफ करार देते हुए गलत तरीके से लागू किए जाने की बात कही गई है। मनोहर शर्मा ने योजना को रद करने की मांग की है। वहीं हर्ष अजय सिंह योजना की समीक्षा करने की मांग करते हुए फिलहाल के लिए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की है।