लखीमपुर। अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दो शिक्षिकाओं ने 20 छात्राओं को दो घंटे तक बंधक बनाए रखा। बुधवार रात दस बजे पुलिस ने विद्यालय पहुंचकर छात्राओं को मुक्त कराया। वहीं जिला समन्वयक सर्व शिक्षा रेनू श्रीवास्तव ने दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ तहरीर दी है।
घटनाक्रम के अनुसार विद्यालय में बुधवार शाम साढ़े सात बजे बालिकाओं ने खाना खाया। इसके बाद 35-36 बालिकाएं नीचे रह गईं, जबकि 20 छात्राएं छत पर चली गईं। इस बीच शिक्षिका मनोरमा मिश्रा व गोल्डी कटियार छत पर मौजूद छात्राओं के पास पहुंचीं और अपना तबादला होने की बात बताई। छात्राओं को भड़काने का प्रयास किया और छत के दरवाजे पर कुंडी लगाकर नीचे उतर आईं। काफी देर जब कुंडी नहीं खुली तो छात्राएं परेशान होने लगीं। छात्राओं के रोने व शोर मचाने के बाद पता चला कि छात्राओं को छत पर कैद किया गया है। स्कूल स्टाफ तथा आसपास के ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने छात्राओं को मुक्त कराया। बीएसए भी मौके पर पहुंचे। कस्तूरबा विद्यालय में रात करीब दो बजे तक हंगामा होता रहा।
छात्राओं को मुक्त कराने के बाद जिला समन्वयक सर्व शिक्षा रेनू श्रीवास्तव ने दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ नीमगांव थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है जिसमें बालिकाओं की सुरक्षा खतरे में डालने, उन्हें भड़काने, वार्डन से गाली गलौज करने का आरोप है। बीएसए ने भी चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। टीम को तीन दिन में साक्ष्य सहित आख्या देने का निर्देश दिया है।
जांच के बाद जारी होगी सेवा समाप्ति की नोटिस : बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि शिक्षिकाओं ने अपना तबादला रुकवाने के लिए छात्राओं को अपनी ढाल बनाया था। दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही चार सदस्यीय टीम की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षिकाओं की सेवा समाप्ति के लिए नोटिस जारी की जाएगी।