नई दिल्ली। स्पाइसजेट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया कि बैंकों और शेयरधारकों ने एयरलाइन से कार्गो और लाजिस्टिक कंपनी SpiceExpress को अलग करने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि यह विभाजन अगस्त के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। स्पाइसजेट ने पिछले साल 17 अगस्त को कहा था कि वह कार्गो और लाजिस्टिक सेवाओं की अपनी सब्सिडियरी कंपनी स्पाइसएक्सप्रेस को बिक्री के आधार पर अलग करेगी। कंपनी ने बताया कि इससे उसे स्वतंत्र रूप से धन जुटाने और तेजी से वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।
कारण बताओ नोटिस जारी
स्पाइसजेट इस समय नियामकीय जांच के घेरे में है। पांच दिन पहले एयरलाइन को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, क्योंकि उसके विमानों में 19 जून से तकनीकी खराबी की कम से कम आठ घटनाएं हुईं थीं।
स्पाइसएक्सप्रेस नाम की होगी एक अलग कंपनी
डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइन सुरक्षित, कुशल और भरोसेमंद हवाई सेवाएं देने में विफल रही है। इस नोटिस का जवाब देने के लिए स्पाइसजेट को तीन सप्ताह का समय दिया गया है। एयरलाइन पिछले चार साल से घाटे में चल रही है। दूसरी ओर SpiceExpress का राजस्व बढ़ रहा है। अजय सिंह ने कहा, ‘स्पाइसएक्सप्रेस नाम की एक अलग कंपनी होगी। हालांकि, इसका स्वामित्व स्पाइसजेट के पास होगा।’
18 दिनों में इस तरह की करीब 8 घटनाएं
आपको बता दें कि स्पाइसजेट के कई विमानों में पिछले कुछ समय से तकनीकी खराबी देखी गई है। बीते 5 जुलाई को भी स्पाइस जेट बोइंग 737 मालवाहक (कार्गो विमान) को वापस कोलकाता में लैंड कराया गया। यह विमान कोलकाता से चीन के चोंगकिंग जा रहा था। पिछले 18 दिनों में इस तरह की करीब 8 घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां यात्री विमानों की तकनीकी गड़बड़ी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी है। इसके बाद अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पाइस जेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ऐसे में स्पाइसजेट अब कार्गो और लाजिस्टिक सर्विस मुहैया कराने वाली अपनी सब्सिडियरी कंपनी स्पाइसएक्सप्रेस(SpiceExpress) को बिक्री के आधार पर अलग कर रही है।