पिछले कई दिनों से अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए अजूबा बना चीन का अनियंत्रित राकेट आखिरकार हिंद महासागर में गिर गया है। गनीमत इस बात की रही कि चीन का रॉकेट जमीन के किसी आबादी वाले हिस्से में नहीं हिंद बल्कि महासागर में गिरा। इस कारण जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। अमेरिकी एजेंसी ने बताया कि शनिवार को भारत के दक्षिण की ओर स्थित हिंद महासागर में चीनी रॉकेट गिरा है। एजेंसी की तरफ से चीन को हिदायत भी दी गई है।
दरअसल, चीन ने लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा था, उसी का मलबा वापस पृथ्वी पर आकर गिरा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का कहना है कि चीन ने इस रॉकेट से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं कराई थी कि यह पृथ्वी पर कहां गिर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इस पर से अपना कंट्रोल खो दिया था। धरती पर यह कहां गिरेगा इसकी जानकारी चीन को भी नहीं थी। फिलहाल यह अब हिंद महासागर में गिर चुका है।
इससे पहले बताया गया था कि इस चीनी रॉकेट का मलबा पृथ्वी पर दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए तैयार है। यह भी बताया गया था कि जब यह चीने गिरेगा तो दुनिया के एक बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकता है। एयरोस्पेस कॉर्प के अनुसार बताया गया था कि 24 जुलाई को चीन द्वारा लॉन्च किए गए लॉन्ग मार्च 5B रॉकेट का एक हिस्सा 31 जुलाई के आसपास एक अनियंत्रित रीएंट्री करेगा।
असल में चीन अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लिए तीन मॉड्यूल लॉन्च करने पर काम कर रहा है। जिसमें से कोर मॉड्यूल पहले ही लॉन्च हो गया है। जबकि पहला लैब मॉड्यूल अब लॉन्च हुआ है। इसके बाद दूसरा लैब मॉड्यूल लॉन्च होगा। पहले मॉड्यूल के लॉन्च के बाद ही मॉड्यूल से अलग होने के बाद 21 टन का यह रॉकेट नीचे धरती की ओर गिर रहा था और संभावना थी कि यह वापस पृथ्वी पर गिर सकता है।
पिछले दिनों अपनी एक रिपोर्ट में स्पेस डॉट कॉम ने बताया कि वैसे तो धरती पर गिरने वाले अंतरिक्ष के मलबे से लोगों के हताहत होने का ज्यादा खतरा नहीं होता है लेकिन चीन का लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट बड़ा था, जो मुसीबत खड़ी कर सकता था। फिलहाल अब यह खतरा टल गया है और हिंद महासागर के एक छोर पर यह गिरा है। अगर यह कहीं धरती पर गिरता तो वहां काफी नुकसान की संभावना थी।