Raksha Bandhan 2022 : इस वर्ष रक्षा बंधन के त्योहार में जनमानस को काफी कनफुजन है, इसलिए पहले जाने भद्रा है क्या और अभी राखी कब बांधी जा सकती है।
भद्रा या विष्टी करण में शुभ कार्य निषेध बताए गए हैं। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार अलग-अलग राशियों के अनुसार भद्रा तीनों लोकों में घूमती है। जब यह मृत्युलोक में होती है, तब सभी शुभ कार्यों में बाधक या या उनका नाश करने वाली मानी गई है।
जब चंन्द्रमा, कर्क, सिंह, कुंभ व मीन राशि में विचरण करता है और भद्रा विष्टी करण का योग होता है, तब भद्रा पृथ्वीलोक में रहती है। इस समय सभी कार्य शुभ कार्य वर्जित होते है।
यदि भद्रा के समय कोई अति आवश्यक कार्य करना हो तो भद्रा की प्रारंभ की 5 घटी जो भद्रा का मुख होती है, अवश्य त्याग देना चाहिए।
भद्रा 5 घटी मुख में, 2 घटी कंठ में, 11 घटी ह्रदय में और 4 घटी पुच्छ में स्थित रहती है।
11 अगस्त को मकर का चंद्रमा है, इस दिन भद्रा पाताल में होगी चुकी शास्त्रोक्त मतनुसार भद्रा पृथ्वीलोक की ज्यादा घातक है, लेकिन भद्रा उस दिन पाताल में होगी इसलिए आप रक्षाबंधन (Raksha Bandhan )उस दिन मना सकते है, आवश्यकता में आप भद्रा पुच्छ में राखी बांध सकते है।
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उसका समय सायंकाल 05 बजकर 18 मिनट से है, सायंकाल 05 बजकर 18 मिनट से भद्रा का पुछकाल रहेगा।
पँ. हरीश शर्मा
*”ज्योतिष मार्तण्ड”
आजीवन सदस्य अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष परिषद,
संयुक्त राज्य अमेरिका
श्री महाकाल ज्योतिष कार्यालय, जयपुर
09351303934, 9414041095