पंचकूला, 23 दिसंबर- 19 से 25 दिसंबर तक मनाए जा रहे (Governance week) सुशासन सप्ताह के तहत आज पंचकूला सेक्टर 1 स्थित लघु सचिवालय के सभागार में ‘प्रशासन गांव की ओर’ विषय पर जिला के अधिकारियों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। पूर्व आईएएस राजीव शर्मा ने कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि पंचकूला के उपायुक्त महावीर कौशिक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यशाला का उद्देश्य पहले के हरियाणा और अब के हरियाणा में आए बदलाव और 2047 में भारत देश कैसा हो, इस पर विस्तृत चर्चा करना था।
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इस अवसर पर संबोधित करते हुए राजीव शर्मा ने कहा कि सुशासन एक निरंतर प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी इकाई द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ एक सरल, समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से लाभार्थी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालो में टैक्नोलाॅजी के प्रयोग से सरकारी सेवाएं प्रदान करने में पारदर्शिता आई है। उन्होंने अधिकारियों से आहवान किया कि वे सरकार द्वारा लोगों (Governance week) के कल्याण के लिए लागू किए गए विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। यह अधिकारियों व कर्मचारियों का दायित्व है कि वे ईमानदारी और सेवाभाव से कार्य करें और सरकारी योजनाओं को उसी भाव से लागू करने का प्रयास करें जिस भाव से वह बनाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि सुशासन की दृष्टि से अधिकारियों व कर्मचारियों का एक अहम योगदान है। जहां सरकार द्वारा जन कल्याण के लिए नई-नई योजनाएं बनाई जाती हैं वहीं अधिकारियों का दायित्व उन्हें पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से धरातल पर लागू करना है ताकि लोगों के जीवन में एक गुणात्मक सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि योजनाओं को बनाने और उन्हें लागू करने में हितधारकों को शामिल करना एक अच्छे प्रशासन की निशानी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त महावीर कौशिक ने कहा कि पहले लोगों को विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों में आना पड़ता था परंतु अब आॅनलाईन माध्यम से घर बैठे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा गया है जिससे लाभार्थी विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ (Governance week) घर बैठे ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए अब लोगों को कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं है। परिवार पहचान पत्र में महिला या पुरूष की उम्र 60 वर्ष होते ही संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय से कर्मचारी द्वारा लाभार्थी के घर जाकर कंसेंट फार्म भरवाया जाता है, जिसके बाद लाभार्थी की पेंशन उसके बैंक खाते में आनी शुरू हो जाती है।
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उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा लागू की गई विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ एक तय समय सीमा में उपलब्ध करवाने के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। इसके अलावा तय समय सीमा में सेवाओं का लाभ न मिलने पर आॅटो अपील का प्रावधान भी किया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक ने बताया कि पहले योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों (Governance week) को अलग-अलग दस्तावेज़ जमा करवाने पड़ते थे परंतु परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रदेश में सभी परिवारों का डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है। इसके उपरांत लाभार्थियों को बार-बार दस्तावेज जमा नहीं करवाने होंगे और विभिन्न विभागों द्वारा डाटा बैंक में उपलब्ध जानकारी के अनुसार लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर एसडीएम ममता शर्ता, डीडीपीओ राजन सिंगला, डीआईओ सतपाल शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।