देबेंद्र दलाई मुख्य वन संरक्षक ने इस योजना के तहत विभिन्न (CAMPA) गतिविधियों की एक विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें उन सभी परियोजनाओं के लिए क्षतिपूरक वनीकरण शामिल है जहां चंडीगढ़ की वन भूमि को विभिन्न अन्य गैर वानिकी उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया है। शासी निकाय को बताया गया कि राष्ट्रीय प्राधिकरण से प्राप्त राशि का उपयोग विभिन्न वृक्षारोपण के रखरखाव और रखरखाव के लिए किया जा रहा है।
ये भी पड़े – राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में बताया कैसे हो विद्यार्थियों में सेवा भाव का विकास|
बनवारीलाल पुरोहित ने कैम्पा के तहत कुछ अनुकरणीय वृक्षारोपण करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता और प्रयास की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि समाज का विश्वास जीतने के लिए हमारे सभी कार्यों में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता है। सीसीएफ ने आगे बताया कि (CAMPA) इन क्षतिपूरक वनीकरण की निगरानी विभाग के साथ-साथ वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के माध्यम से भी की जा रही है। बैठक में नितिन कुमार यादव सचिव वन, विजय जाडे वित्त सचिव और अरुलराजन IFS वन संरक्षक भी उपस्थित थे।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?