सिरसा। (सतीश बंसल) हिन्दू नव वर्ष विक्रमी सम्वत् 2080 के उपलक्ष्य और अमर बलिदानी भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस को समर्पित व आजादी के अमृत महोत्सव के सन्दर्भ में साहित्य और साहित्यकारों की प्रासंगिकता पर एक विचार चर्चा गांव जमाल की श्री श्याम अकेडमी में आयोजित की गई। कार्यक्रम सिरसा के प्रमुख साहित्यकारों प्रो. रूप देवगुण, राजकुमार निजात, डा. शील कौशिक, मेजर शक्तिराज, डा. जनकराज शर्मा के दिशा-निर्देशन में हुआ। (Literature)
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चर्चा की अध्यक्षता पं. शिवकुमार शर्मा ने की। उन्होंने हिन्दू नव वर्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अखण्ड भारत वर्ष निर्माण को अपना सांस्कृतिक, नैतिक और पैतृक अधिकार बताया। उन्होंने अमर शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम के दौरान स्वतन्त्रता प्राप्ति में स्वनाम धन्य साहित्य और साहित्यकारों को आदरपूर्वक याद किया गया। रामायण और महाभारत की उपजीव्यता को प्रस्तुत करते हुए अध्यक्ष ने उपस्थित महानुभावों से हिन्दुओं के इन दोनों ऐतिहासिक महाकाव्यों की उपजीव्यता वाले और राष्ट्र वाद पर आधारित साहित्य के अनुशीलन की प्रार्थना की। नवयुवकों को साहित्य के पठन-पाठन और लेखन के लिए प्रेरित किया। चर्चा के दौरान परिषद के आजीवन सदस्य राधेश्याम शर्मा, दयाराम हुड्डा, डा. सचिन, उग्रसैन बैनीवाल, कुलदीप सिंह, रजनीश बैनीवाल, अमित शर्मा और वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे। (Literature)
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