सिरसा। (सतीश बंसल) देशभर में हरियाणा का गौरव बढ़ाने वाली साहित्यकार डा. शील कौशिक को हाल ही में राजस्थान की सबसे पुरानी एवं प्रतिष्ठित संस्था श्री हिंदी पुस्तकालय समिति, डीग (भरतपुर) द्वारा 97वें स्थापना दिवस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में श्रीमती शांति देवी मंगीलाल शर्मा स्मृति बाल कहानी प्रथम विजेता का पुरस्कार मिला। इसमें उन्हें नगद पुरस्कार राशि, स्मृति चिन्ह, प्रशस्तिपत्र, नारियल, माला, शॉल आदि देकर अलंकृत किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री पंडित रामदयाल शर्मा एवं अन्य आमंत्रित पदाधिकारी मौजूद थे। (Litterateur)
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ज्ञात हो कि डा. शील कौशिक की साहित्य की विविध विधाओं में अब तक कुल 51 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें से उनकी 5 पुस्तकों का अन्य भाषाओं में अनुवाद हो चुका है तथा उनके व्यक्तित्व एवं साहित्य पर अन्य लेखकों द्वारा 5 पुस्तकें लिखी गई है। उनके साहित्य पर चार पीएचडी तथा छह एमफिल संपन्न हो चुकी हैं। बाल साहित्य की इनकी कई रचनाएं पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित की जा चुकी है।
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वे अन्य प्रदेशों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में निरंतर प्रतिभागिता करती हैं तथा समय-समय पर पुरस्कृत एवं सम्मानित होती रहती हैं। डा. शील कौशिक हरियाणा साहित्य अकादमी से हिंदी साहित्य रत्न तथा तथा हरियाणा की श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान प्राप्त करने के अतिरिक्त देश के 14 राज्यों से पुरस्कृत व सम्मानित हो चुकी हंै। सिरसा व हरियाणा का गौरव बढ़ाने वाली डा. शील कौशिक को सिरसा के साहित्यकारों एवं शुभचिंतकों के अतिरिक्त देशभर के साहित्यकारों ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। (Litterateur)