अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने हर किसी का जीना दूभर कर दिया। ऐसा कोई वर्ग नहीं जो सरकार की कुनीतियों से परेशान न हो।
प्रदेश के अन्नदाता किसान की कोई सुनवाई नहीं हो रही है, सरकार उसका जमकर शोषण और उत्पीडन करने में लगी है तो अब सरकार ने मार्केट फीस बढ़ाकर सब्जी-फल उत्पादकों और आढ़तियों का सुख-चैन छीन लिया है। गठबंधन सरकार ने जैसे हर वर्ग को परेशान करने की ठान ली है पर लोकतंत्र में जनता से बड़ी कोई ताकत नहीं होती जो समय आने पर वोट की चोट से सारा हिसाब-किताब बराबर कर लेगी।
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मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के अब तकाक के कार्यल में सबसे ज्यादा परेशान किसान हुआ है जिस पर दोहरी मार पड़ी है। पहले भारी बरसात और बाढ़ से धान की फसल खराब हुई, किसानों को फिर से धान की रोपाई करनी पड़ी। जिन किसानों ने नरमा कपास की बिजाई की थी उन्हें उम्मीद थी फसल अच्छी हुई तो कुछ तो घाटा पूरा होगा पर गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कपास की फसलें बर्बाद हो गई। (Kumari Selja)
बाढ़ से बर्बाद फसल के मुआवजे के लिए करीब डेढ़ लाख किसानों ने आवेदन किया पर 34 हजार किसानों के लिए मुआवजा राशि जारी की। कपास के मुआवजे को लेकर सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुए है। किसान पर एक ओर जहां मौसम की मार पड़ी वही सरकार ने कोई मदद करने के बजाए किसान का शोषण और उत्पीड़न ही किया। आज प्रदेश का अन्नदाता मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन का सहारा ले रहा है पर ये गूंगी बहरी सरकार किसानों की कोई सुध नहीं ले रही है।
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उन्होंने कहा कि अब इस गठबंधन सरकार ने सब्जी-फल उत्पादक किसानों और आढ़तियों को परेशान करना शुरू कर दिया है। सरकार ने सब्जी व फलों पर भारी भरकम एकमुश्त टैक्स लगाकर औैर एचआरडीएफ एक प्रतिशत लगाकर किसान व आढ़तियों के साथ ज्यादती की है। सरकार बार-बार नए-नए टैक्स लगाकर व्यापारी, किसान और आम जनता को परेशान करने में लगी है। (Kumari Selja)
उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने की बात कर रही है दूसरी ओर नए-नए टैक्स लगाकर या उनमें वृद्धि करके जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी फसल का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है, सरकार केवल आंकड़ों का खेल खेल रही है। सरकार को सब्जी और फल उत्पादक किसानों और आढ़तियों को राहत प्रदान करनी चाहिए। सत्ता के मद में चूर सरकार को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता से बड़ी कोई ताकत नहीं होती जो समय आने पर वोट की चोट से सारा हिसाब-किताब बराबर कर लेती है।