नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न: किसी भी कमाई करने वाले ऐसे व्यक्ति के लिए आईटीआर भरना अनिवार्य होता है, जिसकी कमाई आयकर (इनकम टैक्स) के दायरे में आती हो। एक वित्तीय वर्ष के दौरान जिसकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, वह आईटीआर-1 (सहज) दाखिल करते हैं। इसमें आपको अपनी आय का विवरण देना होता है और ऐसा करते समय सावधानियां बरतनी चाहिएं। तो चलिए, आपको आज बताते हैं कि ITR-1 में आय का विवरण भरते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं।
आय का विवरण दाखिल करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतें?
- फॉर्म 26AS (वार्षिक जानकारी विवरण-पत्र) में वास्तविक टीडीएस/टीसीएस/भुगतान किए गए कर की जांच करें।
- अगर इसमें आप कोई विसंगति पाते हैं, तो आपको नियोजक/कर कटौतीकर्ता/बैंक के साथ बात करके समाधान करना चाहिए।
- आईटीआर फाइल करते समय संदर्भित दस्तावेज़ों को संकलित करें।
- बैंक स्टेटमेंट/पासबुक, ब्याज प्रमाण पत्र, छूट या कटौती का दावा करने की रसीदें, फॉर्म 16, फॉर्म 26AS (वार्षिक जानकारी विवरण-पत्र), निवेश प्रमाण, आदि को ध्यान से पढ़ें।
- सुनिश्चित करें कि पहले से भरे हुए आंकड़ों में पैन, स्थायी पता, संपर्क ब्यौरा, बैंक खाते का ब्यौरा, आदि सभी जानकारियां सही हों।
- कुल आय, कटौती (यदि कोई हो), ब्याज (यदि कोई हो), भुगतान/संग्रहित कर (यदि कोई हो), आदि की पूरी सही जानकारी दें।
- आई.टी.आर.-1 के साथ कोई दस्तावेज़ संलग्न नहीं करना है।
- नियत तारीख या उससे पहले आय का विवरण दाखिल करें।
- विवरणी दाखिल करने में देरी करने पर विलम्ब फाइलिंग शुल्क लगता है।
- विवरणी की ई-फ़ाइलिंग के बाद, उसे ई-सत्यापित करें।
इनकम टैक्स फाइलिंग को मैन्युअली कैसे सत्यापित कराएं?
अगर आप अपनी विवरणी को मैन्युअल तरीके से सत्यापित करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको आईटीआर एक्नॉलेजमेंट की साइन की गई कॉपी को फाइलिंग के 120 दिनों के भीतर केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र, आयकर विभाग, बेंगलुरु 560500 (कर्नाटक) पर भेजना होता है।
क्या होता है फॉर्म 26AS?
फॉर्म 26AS एक वार्षिक जानकारी विवरण-पत्र होता है, जो आयकर (इनकम टैक्स) विभाग के डेटाबेस के अनुसार कर कटौती/स्रोत पर एकत्रित, अग्रिम कर/स्वतः निर्धारण कर, निर्दिष्ट वित्तीय संव्यवहार मांग/लंबित प्रतिदाय/करदाता के पैन सहित विभिन्न ब्यौरे दिखाता है।
(यह जानकारी आयकर विभाग की वेबसाइट से ली गई है।)