हरिद्वार: गैंगस्टर एक्ट में भूमाफिया यशपाल तोमर की 153 करोड़ की संपत्ति कुर्क होने के बाद एसटीएफ ने अब उसके सहयोगियों पर भी शिकंजा कसने की शुरुआत कर दी है। एसटीएफ ने दिल्ली के जगतपुरी क्षेत्र में यशपाल तोमर के सहयोगी धीरज डिगानी की संपत्ति कुर्क की है। उसकी गिरफ्तारी के लिए ईनाम घोषित करने की तैयारी भी शुरू हो गई है।
तोमर की 153 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
हरिद्वार केज्वालापुर की चर्चित और विवादित 56 बीघा जमीन के मामले में एसटीएफ उत्तराखंड ने बागपत निवासी यशपाल तोमर को बीते जनवरी में गिरफ्तार किया था। एक सप्ताह पहले ही एसटीएफ की रिपोर्ट और जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे के निर्देश पर तोमर की 153 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
राइट हैंड धीरज की तलाश जारी है
शातिर यशपाल का पूरा नेटवर्क उसका राइट हैंड धीरज डिगानी निवासी न्यू लामलपुर जगतपुरी शाहदरा नई दिल्ली संभालता है। एसटीएफ उसकी धरपकड़ में भी जुटी थी, लेकिन वह उनके हाथ नहीं आ सका। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि कुर्की की कार्रवाई कर ली गई है, लेकिन अभी धीरज हाथ नहीं आ पाया है। उसकी तलाश जारी है।
फर्जी मुकदमों का जाल बुनता था धीरज
भू माफिया यशपाल तोमर की नजर जब किसी बेशकीमती संपत्ति पर पड़ जाती तो किसी भी हद तक जाकर वह उसे हासिल कर लेता था। इसके लिए चाहे उसे फर्जी मुकदमे भी दर्ज क्यों न कराने पड़ते हों। इन फर्जी मुकदमों की पटकथा लिख कर धीरज डिगानी ही पूरा जाल बुनता था। मूल रूप से राजस्थाननिवासी धीरज ने वकालत की पढ़ाई की है और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है।
सरकारी भूमि से हटाया जाएगा अवैध कब्जा: डीएम
जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने विभागीय अधिकारियों को सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाए जाने के प्रकरण को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। बताया कि इसकी निगरानी राज्य स्तर से हो रही है। डीएम ने प्रत्येक विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में पूर्व में दिए निर्देशों के बाद अब तक हुई कार्रवाई की भी जानकारी प्राप्त की।
शनिवार को सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाए जाने को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने बैठक ली। सभी विभागों को दोबारा निर्देश दिए कि वह अपने-अपने कार्यालय में रखे संपत्ति रजिस्टर के अनुसार सरकारी भूमि का मिलान कर लें।
सुनिश्चित करें कि उनकी विभागीय संपत्ति पर कोई अवैध रूप से काबिज तो नहीं है। उन्होंने इस संबंध में संपत्ति के अभिलेख और स्पष्ट नजरी नक्शे एक माह के भीतर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। साथ ही अवैध कब्जाधारी की सूचना देने को भी कहा।
अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि संबंधित विभाग के अधिकारी इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेंगे कि उनके यहां कौन सी शासकीय भूमि या संपत्ति उनके कब्जे में है तथा कौन सी अनधिकृत कब्जे में है। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि इसका अभिलेखीकरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।