मेरठ। उत्तराखंड के गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके साथी धीरज डिगानी की नजर मेरठ में करोड़ों की प्रॉपर्टी पर थी। यशपाल ने मेरठ के ब्रह्मपुरी निवासी गिरधारी को झूठे मुकदमे में फंसाकर उसके भाई भारत लाल की बीस बीघा जमीन पर कब्जा करने की प्लानिंग की थी। गिरधारी के बेटे सचिन ने यशपाल और धीरज पर ब्रह्मपुरी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। धीरज डिगानी अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है।
हरिद्वार की जेल में बंद है यशपाल तोमर
यशपाल तोमर मूलरूप से बागपत के बरवाला गांव का रहने वाला है। हाल में यशपाल तोमर को हरिद्वार पुलिस ने दिल्ली से गिफ्तार किया था। वर्तमान में वह हरिद्वार की रोशनाबाद जेल में बंद है। नौ नवंबर 2020 को यशपाल तोमर ने दिल्ली के निर्माण विहार निवासी गिरधारी चावला और उनके चालक गौरव पर जानलेवा हमला कराया था। उस समय गिरधारी लाल हरिद्वार से दिल्ली लौट रहे थे। ब्रह्मपुरी इंस्पेक्टर सुभाष अत्री और दारोगा लोकेश से साठ गांठ कर फर्जी हमला दिखाकर यशपाल ने गिरधारी के भाई भारत लाल चावला और उनके स्वजन को नामजद करा दिया था।
एसएसपी ने की थी शिकायत
भारत लाल चावला को फंसाकर यशपाल दिल्ली में उनकी बीस बीघा जमीन पर कब्जा करना चाहता था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी से भारत लाल चावला ने शिकायत की थी, जिस पर दोबारा से मुकदमे की जांच कराई गई। एसपी सिटी की जांच में पाया गया कि यशपाल ने अपने साथियों से गिरधारी पर हमला कराकर भारत लाल के स्वजन के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। गिरधारी चावला के बेटे सचिन ने यशपाल तोमर और उसके साथी धीरज डिगानी निवासी चंदन विहार दिल्ली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सचिन का कहना है कि यशपाल और धीरज ने डरा धमका कर उनके तहरीर पर हस्ताक्षर कराकर भारत लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया था। (प्रॉपर्टी)
मेरठ में करोड़ों की संपत्ति पर थी नजर, बुलेटप्रूफ में चलता था तोमर
दादरी, गाजियाबाद, हरिद्वार और दिल्ली के बाद यशपाल तोमर की नजर मेरठ में करोड़ों की संपत्ति पर थी। यशपाल पुलिस से साठ गांठ कर यहां ठिकाना बनाना चाहता था। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। यशपाल के पास से बुलेटप्रूफ कार भी मिली है, जो मेरठ में बनवाई गई थी।
इनका कहना है
गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके साथी धीरज डिगानी के खिलाफ ब्रह्मपुरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों ने जमीन हड़पने के लिए फर्जी जानलेवा हमला कराया था। पुलिस यशपाल और धीरज का मेरठ कनेक्शन भी तलाश रही है।
– प्रभाकर चौधरी, एसएसपी