जयपुर, अप्रैल 2025: एसीएमई ग्रुप ने घोषणा की है कि वह 2030 तक अपने सोलर मॉड्यूल और सोलर (Solar) सेल मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय से 10,000 करोड़ रूपए की आय अर्जित करने का लक्ष्य बना रहा है। यह कदम कंपनी की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन से आगे बढ़ते हुए उपकरण निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख रही है। गुरुग्राम स्थित बिज़नेस ग्रुप ने 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कदम रखा है। इसके तहत जयपुर, राजस्थान में 1.2 गीगावॉट वार्षिक क्षमता वाला सोलर (Solar) मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की गई है। यह प्लांट हाल ही में शुरू हुआ है और इसमें 700 से अधिक लोग कार्यरत हैं। एसीएमई समूह ने मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अपनी नई व्यावसायिक इकाई एसीएमई रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग के तहत नई सेल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने की योजना बनाई है। (Solar)
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कंपनी को एमएनआरई (मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी) की अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स (एएलएमएम) में शामिल किया गया है, जो सौर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर के रूप में कंपनी की विश्वसनीयता को बढ़ाता है। एएलएमएम लिस्ट में शामिल होने से एसीएमई को सरकारी योजनाओं और प्राइवेट प्रोजेक्ट्स के लिए सोलर (Solar) मॉड्यूल की आपूर्ति में बढ़त मिलेगी। एएलएमएम लिस्ट में शामिल होने से एसीएमई ग्रुप को सरकारी परियोजनाओं, योजनाओं, एसईसीआई (SECI) टेंडर, रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन (नेट मीटरिंग), पीएम-कुसुम योजना और निर्यात के अवसरों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। एएलएमएम पहल भारत की “मेक इन इंडिया” पहल का समर्थन करती है। इसका उद्देश्य स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता कम करना और नए रोजगार के अवसर पैदा करना है। यह पहल भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है, क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि सोलर प्रोजेक्ट्स में देश में बने उच्च गुणवत्ता वाले सोलर मॉड्यूल का ही उपयोग हो। (Solar)
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रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग व्यवसाय में एसीएमई ग्रुप के प्रवेश पर, एसीएमई ग्रुप के चेयरमैन श्री मनोज के उपाध्याय ने कहा, “हमारा रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में प्रवेश, ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ पूरी तरह मेल खाता है। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भारत के स्वच्छ ऊर्जा की ओर हमारी सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है। आने वाले समय में हम इस क्षेत्र में नई निवेश योजनाओं और सोलर सेल निर्माण के ज़रिए अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी कंपनी को एमएनआरई की अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स में शामिल किया गया है, जो क्वालिटी, इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है। साथ ही यह हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत बनाता है, जहां हमारा लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम करके भारत को स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों का ग्लोबल हब बनाना है। ” (Solar)
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जयपुर में स्थित एसीएमई की यह आधुनिक निर्माण इकाई सप्लाई चेन पर नियंत्रण को मजबूत करती है और नवीकरणीय ऊर्जा की लागत को कम करने में मदद करती है। यह अत्याधुनिक प्लांट उच्च दक्षता वाले सोलर मॉड्यूल, जैसे कि नवीनतम टॉपकॉन तकनीक से लैस है, जो बड़ी सोलर परियोजनाओं से लेकर रूफटॉप इंस्टॉलेशनों तक, सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है। यह बढ़ती हुई नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों की मांग को पूरा करता है और साथ ही भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन को आगे बढ़ाने में एसीएमई ग्रुप की प्रमुख भूमिका बनाता है। (Solar)
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उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारत की सोलर (Solar) मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 2025 में 80 गीगावॉट से बढ़कर 2030 तक 125 गीगावॉट तक पहुँच सकती है। वहीं, सोलर सेल निर्माण भी इसी अवधि में 25 गीगावॉट से 40 गीगावॉट तक बढ़ सकता है। सरकार की पहलें, जैसे कि अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स (एएलएमएम), देश में स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देती हैं। ये पहल सरकारी परियोजनाओं में देश में बने सोलर मॉड्यूल के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाती हैं। पीएम-कुसुम योजना और रूफटॉप सोलर प्रोग्राम्स जैसी सहायक योजनाएं सोलर (Solar) इंस्टॉलेशन की मांग को तेजी से बढ़ा रही हैं। उम्मीद है कि बढ़ता हुआ उत्पादन भारत को 2030 तक कुल उत्पादन का 25-32% तक निर्यात करने की क्षमता देगा, जिससे भारत वैश्विक सौर बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरेगा। (Solar)