जनवरी 2023 में अमेरिका की फॉरेंसिक रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी (Adani) समूह पर सनसनीखेज आरोप लगाए — “कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला।” नतीजा ये हुआ कि शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों में घबराहट, और अदाणी समूह की अब तक की सबसे बड़ी पब्लिक ऑफरिंग रद्द। लेकिन यह कहानी यहां खत्म नहीं होती। यहीं से शुरू हुआ ऑपरेशन ज़ेपेलिन का मिशन रणनीतिक और खुफिया पलटवार, जो आज की कॉरपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी कामयाबी बन चुका है हिंडनबर्ग रिपोर्ट उस वक्त आई जब 1.2 अरब डॉलर की हाइफा पोर्ट डील को अंतिम रूप देने के लिए गौतम अदाणी इजराइल में थे। यह इजराइल के लिए रणनीतिक महत्व की डील थी। 18 महीने चली इस बोली प्रक्रिया में आखिर जीत मिली अदाणी और एक इजरायली कंपनी की साझेदारी को। सूत्रों के अनुसार, एक गोपनीय बैठक में इजरायली नेताओं ने अदाणी से आरोपों पर सवाल किया। उनका जवाब था सधा हुआ — “यह सब झूठ है।” इस बैठक में हाइफा पोर्ट के चेयरमैन और पूर्व मोसाद अधिकारी एशल अर्मोनी भी मौजूद थे। (Adani)
इजरायली खुफिया हलकों में यह आशंका उभरी कि रिपोर्ट का समय साज़िशन चुना गया, ताकि डील को कमजोर किया जा सके। इसके बाद एक खुफिया ऑपरेशन शुरू हुआ — ऑपरेशन ज़ेपेलिन। हिंडनबर्ग के संस्थापक नैथन एंडरसन और उनकी टीम की गतिविधियों की निगरानी शुरू हुई। न्यूयॉर्क, शिकागो के पास ओकब्रुक टेरेस, और यूरोप के कुछ ठिकानों पर विशेष नजर रखी गई जांच में कुछ नाम भी सामने आए जिसमें कुछ एक्टिविस्ट, वकील, पत्रकार, हेज फंड्स और राजनैतिक लॉबिस्ट प्रमुख थे। कुछ के तार, चीन समर्थित समूहों से जुड़ते दिखे, तो कुछ के ताल्लुकात वॉशिंगटन की ताकतवर लॉबी से थे। सूत्रों के अनुसार, एक जगह पर एन्क्रिप्टेड चैट्स और डॉक्युमेंट्स मिले जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट को मिले अंतरराष्ट्रीय सपोर्ट की तरफ इशारा करते थे। गौतम अदाणी को इस खुफिया ऑपरेशन की गोपनीय जानकारी जनवरी 2024 में स्विट्ज़रलैंड में दी गई। (Adani)
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इसके बाद अहमदाबाद में एक हाई-टेक कंट्रोल रूम स्थापित हुआ — जहां साइबर एक्सपर्ट्स, एनालिस्ट और लीगल टीमें चौबीसों घंटे एक्टिव रहीं। अक्टूबर 2024 तक ज़ेपेलिन डोजियर तैयार हो चुका था — 353 पन्नों का ऐसा डोज़ियर, जो हिंडनबर्ग से जुड़े नेटवर्क की हर परत खोल रहा था। इसी बीच कुछ लीक डॉक्युमेंट्स सामने आए — जिनमें कथित रूप से कुछ अमेरिकी एजेंसियों और मीडिया संस्थानों की भूमिका का ज़िक्र था, जिन्होंने अदाणी के खिलाफ नकारात्मक नैरेटिव तैयार किया। (Adani)
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नवंबर 2024 में अमेरिकी न्याय विभाग और एसईसी ने अदाणी समूह पर कथित घूस के आरोप लगाए। समूह ने इन्हें बेबुनियाद बताया और कानूनी मोर्चा संभाल लिया। न्यूयॉर्क की एक प्रतिष्ठित लॉ फर्म ने हिंडनबर्ग के खिलाफ 7 पन्नों का ड्राफ्ट केस तैयार किया। सूत्र बताते हैं कि हिंडनबर्ग से बातचीत का एक प्रस्ताव भेजा गया — स्थान था 295 फिफ्थ एवेन्यू, मैनहैटन का एक दफ्तर। लेकिन यह मीटिंग हुई या नहीं — इस पर स्थिति साफ नहीं। (Adani)
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अपने रिपोर्ट की दूसरी साल से ठीक पहले यानी 15 जनवरी 2025 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने सभी ऑपरेशन्स बंद करने की घोषणा की। ऑपरेशन ज़ेपेलिन, अब सिर्फ एक खुफिया मिशन ही नहीं बल्कि कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा ऑपरेशन बन गया है — जहां व्यापार, कूटनीति, खुफिया रणनीति और भरोसे का तालमेल दिखा।(Adani)