सिरसा। (सतीश बंसल) मंडियों में फसली सीजन शुरू हुए करीब एक माह (Natural Calamity) का समय बीत चुका है, लेकिन व्यवस्था के नाम पर अभी तक किसानों को मायूसी ही हाथ लगी है। फसली सीजन शुरू होने से पूर्व सरकार की ओर से मंडियों में किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन मंडियों में व्याप्त अव्यस्थाओं ने सरकार के दावों की हवा निकाल दी है। किसानों को आ रही समस्याओं को लेकर मंगलवार को BKE अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने अपनी टीम के साथ मंडियों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बारदाना न होने के कारण पिछले दो दिनों से किसान सरसों की फसल लेकर मंडी में आ रहे है, लेकिन तुलाई नहीं हो रही है, जिसके कारण उन्हें मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सोमवार सांय को डीएम हेफेड मांगेराम बैनीवाल से भी बारदाने की पूर्ति को लेकर बातचीत हुई और उन्होंने सुबह 10 बजे तक बारदाना आने का आश्वासन दिया, लेकिन मंगलवार को जो किसान सरसों की फसल लेकर सरकारी दुकान पर आए तो दोपहर 12 बजे तक वहां कोई अधिकारी नहीं मिला। (Natural Calamity) इसके बाद किसानों ने टीम बीकेई से संपर्क किया। किसानों की समस्याओं को देखते हुए बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और देखा कि सरकारी दुकान नई अनाज मंडी सिरसा में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं था।
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जिसके बाद सभी किसान साथियों को साथ लेकर मार्केट कमेटी सिरसा में पहुंचे और सचिव विरेंद्र मेहता से मिले। जिसके बाद हेफेड के अधिकारियों को वहां बुलाया गया और इस संबंध में पूछताछ की गई। हेफेड अधिकारियों ने बताया कि कलकता से बारदाने की गाड़ी चली हुई है, जोकि हिसार पहुंच गई है और दोपहर डेढ़ बजे तक सिरसा पहुंच जाएगी। बारदाना आते ही किसानों की सरसों की फसल की तुलाई शुरू हो जाएगी। (Natural Calamity) जो किसान आज सरसों लेकर आए हंै, उन सभी के टॉकन काटे गए। औलख ने बताया कि हरियाणा सरकार इलेक्ट्रोनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से बार-बार दावे कर रही है कि किसानों की फसलों का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदेंगे, लेकिन जान बूझकर फसलों की खरीद में देरी की जा रही है।
जिससे मजबूर होकर किसान अपनी फसल को औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को बेच रहा है। 10 अप्रैल तक सिरसा मंडी में 88837 क्विंटल सरसों की आवक हुई है, जिसमें से केवल 47859 क्विंटल हरियाणा सरकार ने खरीदी है, जबकि 40978 क्विंटल निजी व्यापारियों ने ली है। (Natural Calamity) जिससे की लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपए किसानों को घाटा हुआ है। इससे भी ज्यादा सरकार ने तुगलकी फरमान जारी किया हुआ है, जिससे कि किसान एक दिन में एक बार में सिर्फ 25 क्विंटल सरसों ही मंडी में बेच सकता है।
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जिस किसान की 65 क्विंटल सरसों हुई है, उसे तीन बार मंडी में सरसों लेकर आनी पड़ेगी, जिससे कि उसके जहां 6 दिन खराब होंगे और उसे आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। (Natural Calamity) औलख ने कहा कि सरकार पोर्टल के माध्यम से यहां तक भी जानकारी रखती है कि एक दिन में किसान कितनी बार सांस लेता है तो उस सरकार को पूरा मालूम है कि एक किसान के पास कितनी सरसों है। बीकेई की सरकार से मांग है कि इस शर्त को हटाकर एक बार में ही किसान की फसल को खरीदा जाए।
हेफेड ने मंडी में कई आढ़तियों को सरकारी खरीद के लिए मंजूरी दी है, जोकि किसान से लेबर के नाम पर निर्धारित से ज्यादा राशि वसूल रहे है। 50 किलो के एक बैग की लेबर 3.74 रुपए ही ले सकते है। किसान साथी इस बात का भी ध्यान करें, अगर कोई आढ़ती व सरकारी खरीद वाले सरसों की लेबर इससे ज्यादा लेते है तो वे मार्केट कमेटी कार्यालय सिरसा में इसकी शिकायत करें। (Natural Calamity) वहीं गेहूं की आवक भी मंडियों में आ चुकी है, सरकार समय रहते बारदाने की व्यवस्था करे। कुदरती आपदा व बरसात से प्रभावित हुई फसल को बिना शर्त खरीदा जाए।