प्रयागराज। भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में मथुरा के कोर्ट में चल रहे कई केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक साथ सुने जाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी केस को एक साथ सुनकर जल्द से जल्द फैसला दें।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने भगवान श्री कृष्ण विराजमान व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में केस दायर करने वाले मनीष यादव की निचली अदालत में श्री कृष्ण जन्मस्थान के मामले में रोज सुनवाई के लिए दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा को कृष्ण जन्मभूमि से जुड़ी केशव देव की 13.37 एकड भूमि से अतिक्रमण हटाने एवं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड सहित अन्य विपक्षियों के खिलाफ निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग में विचाराधीन अर्जियों को यथाशीघ्र चार माह में तय करने का निर्देश दिया है।
याची का कहना है कि 11 दिसंबर 20 से अर्जियां लंबित है जिसे तय नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने केस के गुणदोष वह पोषणीयता पर विचार व्यक्त नहीं किया है। कोर्ट ने कहा है कि कोई वैधानिक अड़चन न हो तो प्रभावित पक्षकारों को सुनकर सभी अर्जियों को यथाशीघ्र तय किया जाय। याची का कहना है कि उसने सिविल प्रक्रिया संहिता के उपबंधो के तहत सिविल जज की डिग्री निरस्त करने की मांग की है।साथ ही अतिक्रमण हटाने व निरोधात्मक आदेश जारी करने की मांग की है।जिसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति सलिल कुमार की पीठ ने कहा मथुरा की कोर्ट से कहा कि सभी पेंडिंग मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाय। इसके लिए श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई की जाय। याची ने निचली अदालत में सुनवाई निर्धारित समय में पूरी करने की मांग की है। इसके अलावा यह भी मांग की है कि यदि विपक्षी पार्टी समय से हाजिर नहीं हो रही है तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए।
इस सुनवाई के लिए हिन्दू पक्षकार की ओर से याचिका दायर की गई है। जिसमें मुकदमे की सुनवाई हर रोज पर शुरू कराने की मांग की गई है। मामलों का निस्तारण जल्द किए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही विपक्षी के कोर्ट में हाजिर न होने पर कार्रवाई की भी मांग। याचिका में हाई कोर्ट की मॉनीटरिंग में मुकदमे का ट्रायल कराए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही साथ वहां विवादित स्थल का जल्द से जल्द सर्वेक्षण कराए जाने की मांग भी की गई है।