सबसे पहले तो आप थोड़ा हमें अपने बारे में बताएं, आपका बचपन कैसा रहा आप बचपन में क्या बनने की इच्छा रखते थे? (Ashwani Kumar Exciting Journey From Delhi To Mumbai)
अश्वनी कुमार:- जरूर, जैसा कि आप जानते हैं मेरा नाम ‘अश्वनी कुमार’ है और मैं दिल्ली के त्रिलोकपुरी का रहने वाला हूं, अपने बचपन की बात करूं तो जैसा बचपन एक आम बच्चे का होता है हंसता-खेलता वैसा ही मेरा भी रहा. और अगर मैं अपने बचपन के सपने की बात करू तो मुझे क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था. लेकिन मुझे पता था कि मैं क्रिकेट इतना अच्छा नहीं खेलता हूं जिसके चलते मैं उसमें आगे नहीं बढ़ सकता क्रिकेट के साथ साथ ही उस समय में होने वाले आम नाट्य कार्यक्रमों में जैसे रामलीला वगैरा में हिस्सा लिया करता था. जिसके चलते मुझे क्रिकेट से ज्यादा रामलीला में काम करना अच्छा लगता था क्योंकि उसमें आपको लोग देखकर आपकी प्रशंसा करते हैं जिसे देखकर अच्छा लगता था. लेकिन मैंने कुछ सोचा नहीं था कि मैं एक्टिंग में ही अपना करियर बनाऊंगा बड़े होने के बाद मुझे मेरे जानकार द्वारा थिएटर का पता चला उन्होंने मुझे बताया कि अगर तुम एक्टिंग में ही आगे जाना चाहते हो तो तुम्हें थिएटर लगना चाहिए फिर उनके सलाह के बाद मैंने “नटराज अर्थ थिएटर” को ज्वाइन किया।
थिएटर के बाद आपने -अपने सिनेमा करियर की शुरुआत किस तरह से करी?
अश्वनी कुमार:- जैसा कि मैंने आपको बताया कि अपने जानकार के सलाह पर मैंने दिल्ली के मंडी हाउस में थिएटर ज्वाइन किया था जहां मैंने अपना पहला नाटक ‘महाभारत एक्सटेंशन’ किया लेकिन वह नाटक कुछ करणवर्ष पूरा नहीं हो पाया.पढाई के साथ-साथ ही में थिएटर भी कर रहा था जिसके साथ-साथ ही मेरे कार्यकाल का सिलसिला भी शुरू हुआ थियेटर के समय ही मुझे दूरदर्शन के ‘जागो ग्राहक जागो’ TV Ad में काम करने का मौका मिला उसके बाद मुझे बॉलीवुड की फिल्म ‘ओए लकी लकी ओए’ (Oye Lucky Lucky Oye) में काम करने का मौका मिला जहां से मेरे करियर की शुरुआत हुई उसके बाद धीरे-धीरे मुझे सीरियल्स जैसे “हम भी कुछ कम नहीं” , “दो बहने” जैसे सीरियल्स में भी काम करने का मौका मिला और इस तरह मेरे करियर की शुरुआत हुई। (Ashwani Kumar)
दिल्ली से मुंबई फिर मुंबई से दिल्ली और फिर वापस दिल्ली से मुंबई तो फिर आपका यह संघर्ष भरा जीवन किस प्रकार का रहा?
अश्वनी कुमार:- संघर्ष तो जीवन में बहुत रहा क्योंकि जब मुझे थोड़ा बहोत काम मिलने लगा था तो मैंने अपना कैरियर एक्टिंग में ही बनाने का फैसला किया. जिसके बाद मैंने मुंबई जाने का मन बना लिया मुंबई जाने के बाद जब मुझे काम नहीं मिल रहे थे तो मेरा मन उदास सा हो गया क्योंकि मुझे उस समय मुंबई शहर का इतना पता नहीं था और यहाँ किस प्रकार नए कलाकारों को काम मिलता हैं इसलिए मैं वापस दिल्ली आ गया और दिल्ली में ही मैंने दोबारा थिएटर करना शुरू कर दिया. कुछ समय बाद मुझे ‘प्रकाश झा’ की फिल्म में मार्केटिंग का काम मिला तो मैंने इसे अपने लिए एक मौका समझा और मैंने इस काम के लिया हां कर दी. क्योंकि इस काम से मुझे मुंबई में लोगों को जानने का मौका भी मिल जाता और किस तरह से काम मिलता है यह भी पता चल जाता है और वैसा ही हुआ मार्केटिंग का काम करने के दौरान मुझे कई लोग जानने को मिले और मुझे काम का थोड़ा और पता चलने लगा जिसके चलते मुझे नए-नए काम मिलने लगे फिर उसके बाद मैंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। और संघर्ष को मैं संघर्ष की तरह नहीं देखता इसे मैं एक मौका समझकर चलता हूं अपने आपको औरों के सामने दिखाने का और मैं बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करता हूं ताकि सामने वाले के अंदर मेरे प्रति एक छाप बन जाए।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
सिनेमा जगत की चकाचौंध देखकर लोगों को फिल्मों में काम करना आसान लगता है तो क्या यह सच में आसान है या यह सिर्फ लोगों की धारणा है?
अश्वनी कुमार:- देखिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, अगर इस इंडस्ट्री में खाली आपके शक्ल सूरत की और अच्छे दिखने से काम मिलता तो इस इंडस्ट्री में आपको खड़े होने की जगह भी नहीं मिलती इस इंडस्ट्री में काम करने के दरमियान मैंने ऐसे कई सारे वाक्य देखे हैं जहां मुझे यह साफ पता चलता है कि नहीं केवल अपनी शक्ल सूरत क्या आपने फैमिली बैकग्राउंड के चलते आप इस इंडस्ट्री में पैर नहीं जमा सकते आपके अंदर उस काम को करने की प्रतिभा भी होनी चाहिए क्योंकि इस इंडस्ट्री में हमें यह सब देखने को मिलता है कि इसी इंडस्ट्री के कई बड़े बड़े सितारों की नहीं पीढ़ियों को इस इंडस्ट्री ने स्वीकार नहीं किया फिर भले ही वह अच्छे दिखते हो या उनका फैमिली बैकग्राउंड बहुत बड़ा हो यदि आपके अंदर कला नहीं है तो आप जितना भी प्रयास कर ले इस इंडस्ट्री में आगे नहीं बढ़ सकते। (Ashwani Kumar)
जो नई युवा पीढ़ी है जो इस डिस्ट्री में आगे बढ़ना चाहती है या इस इंडस्ट्री से जुड़ना चाहती है उन्हें आप अपनी तरफ से क्या सलाह देते हैं?
अश्वनी कुमार:- पहला तो उन्हें में यही कहना चाहूंगा कि वह सबसे पहले जाने क्या वह सच में कलाकार बनना चाहते हैं या सिर्फ इस इंडस्ट्री की चकाचौंध को देख कर आना चाहते हैं यदि वह सच में कलाकार बनना चाहते हैं तो उन्हें सबसे पहले अपने उपर काम करना होगा आपको उस काम को सिखने में समय लगाना पड़ेगा जिस काम को आप करना चाहते हो। क्योंकि हर अच्छी चिज़ समय मांगती है।
(Ashwani Kumar) अश्वनी कुमार के कुछ आने वाले प्रोजेक्ट्स:-
फिल्म :- मुखौटा
शॉर्ट फिल्म:- Amazon Prime के लिए
अश्वनी कुमार के साथ साक्षात्कार हमारे संवाददाता पिंटू राय द्वारा किया गया |
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