Attention -Tricity Shopkeepers :पिछले दो -तीन सालों से कोरोना काल के कारण पहले ही बाजार कि रीढ़ की हड्डी टूटी पड़ी है| व्यपारियो के व्यापार ठप पड़ा हुआ है| बाजार में पैसे न के बराबर भी नही है | नए आने वाले माल की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है| इस समय तो दूकानदार ही जान सकता की वह कैसे इस मंदी के दौर में अपनी दुकान चला रहा है| वैसे भी पिछले दो सालों से दुकानदारों के सारे त्यौहार फीके -फीके जा रहे है| ट्राइसिटी के दुकानदारों को ऐसे में ओर सर्तक हो जाना चाहिए क्योकि शहर में एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो दुकानदारों की आँखों में धूल झोक का पैसा व् सामन दोनों मुफ्त ले जा रहा है |
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एक ऐसी गैंग जो दुकानदारों से सामान के साथ उनके पैसे भी ले जाती है
पिछले छः महीने साल भर से ट्राइसिटी में एक ऐसी गैंग सर्तक है जो दुकानदारों को बेवकूफ बना कर उनका सामान ओर पैसे दोनों ले जाते है।
गैंग कैसे दुकानदारों कि आखों में झोंक देती है धूल…….जैसे कि ट्राइसिटी के दुकानदारों ने बताया कि इस गैंग के दो सदस्य दुकान पर सामान लेने के बहाने आते है। उनका एक साथी दुकान से कुछ दूर अपनी मोटरसाइकिल या एक्टिवा लिए खड़ा रहता है जबकि दूसरा साथी दुकान में सामान लेने के बहाने आता है ओर कुछ पैसों का सामान ले कर दो हज़ार या पाँच सो रुपए का नोट देते हुए बोलता है कुछ पैसे कम कर लो दूकानदार के ना करने पर वह बोलता है कि अच्छा रहना दो फिर उस के बाद एक मर्तबा वह दुकनदार को पैसे देते हुए बोलता है कि ठीक है सामान दे दो , उस के बाद वह पांच -सात बार ऐसा करते है अच्छा दे दो, रहने दो आखिरी में ना करने के बाद वो पैसे वापस मांगते है ओर दुकानदार को इस तरह कंफ्यूज करते हुए कहते है दुकानदार ने उन को पैसे नहीं दिये हैं जबकि वह पहले ही दुकानदार से पैसे ले कर पैसे छुपा चुके होते हैं। जितनी देर में दुकानदार समझ पाएं कि उस के साथ किया हुआ था वह उतनी देर में दुकानदार का सामान ओर पैसे ले कर थोड़ी दूर खड़े अपने साथी के साथ गाड़ी पर बैठ कर फुर्र हो जाता है ।
(Attention -Tricity Shopkeepers)अब तक यह गैंग बड़ी मात्रा में दुकानदारों कि आँखों में धूल झोकने में कामयाब हो चुकी है|