-बाबा साहेब (Bhim Rao Ambedkar) ने समाज को दिखाया समता, ममता और समरसता का रास्ता
-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब से जुड़े पांच ऐतिहासिक स्थलों को दिया पंचतीर्थ का दर्जा
पंचकूला, 14 अप्रैल- अंबाला के सांसद श्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर (Bhim Rao Ambedkar) द्वारा दिखाए गए रास्ते पर वे हमेशा चले हैं और चलते रहेंगे। बाबा साहेब की बदौलत ही लोकसभा सांसद के रूप में उनका वजूद है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब से जुड़े पांच ऐतिहासिक स्थलों को पंचतीर्थ का दर्जा देकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
श्री कटारिया आज सेक्टर 12ए स्थित अम्बेडकर भवन मे भारत रत्न डाॅ. भीम राव अम्बेडकर (Bhim Rao Ambedkar) महासभा पंचकूला द्वारा उनकी 131वीं जयंती पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
श्री कटारिया ने उपस्थित लोगों से आहवान किया कि वे जिस भी क्षमता से समाज में हैं, वे बाबा साहेब की शिक्षाओं को आगे बढाते रहें। महापुरूषों की जयंतियों पर आयोजित कार्यक्रम सामाजिक एकता के मंच होते हैं और सभी को मिल कर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का प्रारंभिक जीवन जोखिम भरा रहा और उन्होंने कदम-कदम पर संघर्ष कर मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि उनका स्वयं का जीवन भी संघर्षपूर्ण रहा है। कभी सत्ता पक्ष में तो कभी विपक्ष में रहते उन्होंने विरोध झेला है। राजनीतिक जीवन में उन्होंने काफी उतार-चढाव देखें हैं। बाबा साहेब जैसे महापुरूषों की जयंतियों पर वे हमेशा समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे।
उन्होंने उपस्थित लोगों को केन्द्र सरकार की एक ऐसी योजना के बारे में जानकारी जिसके तहत हर वर्ष अनुसूचित जाति के 100 विद्यार्थियों को विदेश में पढाई के लिए भेजने का प्रावधान है, जिसके लिए विद्यार्थी के 50 प्रतिशत अंक व 30 वर्ष से कम होनी चाहिए तथा परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रूपए तक हो। उन्होंने कहा कि जब वे केन्द्र सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थे तब मंत्रालय के अधिकारियों को इस योजना को तत्काल अमल में लाने के निर्देश दिये और एक वर्ष में 100 के बजाए 150 विद्यार्थियों को विदेश भेजा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं से चार करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ हुआ है।
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श्री कटारिया ने कहा कि आज का दिन बाबा साहेब को स्मरण करने का दिन है और आत्म विश्लेशण करने का दिन है कि कहां तक उनकी शिक्षाओं पर चल रहे हैं। चुनाव के समय राजनीतिक पार्टी के लोग समाज से वोट का फायदा लेने के लिए तरह-तरह का प्रलोभन देते हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने तो संविधान खतम होने की बात कही थी परंतु न संविधान खतम होगा और न आरक्षण खतम होगा। देश बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर (Bhim Rao Ambedkar) व महात्मा ज्योतिबा फूले द्वारा बनाए संविधान पर चलता रहेगा।
सांसद ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं, चाहे वह उज्जवला योजना हो, चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो या स्टैंड अप योजना हो। सांसद रतन लाल कटारिया ने अम्बेडकर भवन में लिफ्त लगाने के लिए एमपीलैड से पूरा खर्च अपनी ओर से देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि रविदास जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को वे पंचकूला में समारोह के लिए आमंत्रित करेंगे।
पंचकूला नगर निगम के महापौर कुलभूषण गोयल ने बाबा साहेब को उनकी 131वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में तथा हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने हरियाणा विधानसभा के अंदर बाबा साहेब की मूर्ति स्थापित की है जो हमेशा उनके संविधान में दिये गए योगदान की याद दिलाती रहेगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की शिक्षाओं पर चलते हुए प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था। बाबा साहेब हमेशा शिक्षा के अधिकार के पक्षधर थे।
हरियाणा सिविल सेवा के अधिकारी डाॅ. इन्द्रजीत ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब (Bhim Rao Ambedkar) का नारा था-‘‘शिक्षित बनो, संगठित रहो व संघर्ष करा’’ और इस लायक बनो कि समाज में आपकी पहचान हों उन्होंने कहा कि अगर इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो उस समय समाज में राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक स्थिति से हमारा समाज कमजोर था। हम पूरी तरह से अब भी शिक्षित नहीं हो पाए। यदि जमीनी स्तर पर देखें तो आज भी सामाजिक समानता नहीं दिखाई देती। बाबा साहेब को केवल हम पढते हैं। परंतु उनकी शिक्षाओं को मनन करने की जरूरत है कि इस समाज में हम क्या योगदान दे सकते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब वे काॅलेज में पढाते थे तो बाबा साहेब की ‘Buddhism In India’ और ‘Buddhism In Modern age’ विषय पर काफी विश्लेशण किया था। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 1956 में बाबा साहेब Bhim Rao Ambedkar) के नागपुर अधिवेशन में 10 लाख लोग पहुंचे थे जबकि उस समय यातायात के साधन भी कम थे तथा मोबाईल व टैलीफोन भी उपलब्ध नही थे।
समारोह को महासभा के अध्यक्ष सुरेश मोरका व महासचिव धर्मपाल पुनिया ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर पार्षद सुरेश वर्मा, पूर्व विधायक लहरी सिंह के अलावा महासभा के अन्य पदाधिकारी व बड़ी संख्या में समाज के अन्य लोग भी उपस्थित थे।