चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा गठित 20 वेलफेयर बोर्ड भंग कर दिए हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय, अधिकारता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने दी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जल्द ही उनकी सरकार इन बोर्डों के नए अधिकारियों की नियुक्ति करेगी।
इन बोर्डों में चेयरमैन व वाइस चेयरमैन कांग्रेस सरकार के समय के लगाए गए थे। अब भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार अपने स्तर पर इन बोर्डों में चेयरमैन व वाइस चेयरमैन की नियुक्ति करेगी।
इन 20 वेलफेयर बोर्ड को किया गया भंग
- कंबोज वेलफेयर बोर्ड
- बाजीगर और टपरीवास वेलफेयर बोर्ड
- ब्राह्मण वेलफेयर बोर्ड
- खतरी अरोड़ा वेलफेयर बोर्ड
- दलित वेलफेयर बोर्ड
- राय सिख वेलफेयर बोर्ड
- राजपूत कल्याण वेलफेयर बोर्ड
- विमुक्त जाति वेलफेयर बोर्ड
- प्रजापत वेलफेयर बोर्ड
- सैनी वेलफेयर बोर्ड
- रामगढिया वेलफेयर बोर्ड
- अग्रवाल वेलफेयर बोर्ड
- गुर्जर वेलफेयर बोर्ड
- बैरागी वेलफेयर बोर्ड
- स्वर्णकार वेलफेयर बोर्ड
- सैन वेलफेयर बोर्ड
- पंजाब मुस्लिम वेलफेयर बोर्ड
- प्रवासी वेलफेयर बोर्ड
- कनौजिया वेलफेयर बोर्ड
- मसीह भलाई बोर्ड
ये बोर्ड भी किए जा चुके भंग
इससे पहले, पंजाब सरकार ने पंजाब योजना बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके साथ ही प्रांतीय बोर्ड व जिला योजना बोर्ड भी भंग हो गए थे। बता दें, इस समय पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल इस बोर्ड की वाइस चेयरपर्सन थी। वित्त विभाग ने इस संबंधी सिफारिश करके मुख्यमंत्री को भेजी थी।
मुख्यमंत्री योजना बोर्ड के चेयरमैन होते हैं। सीएम की मंजूरी मिलते ही पंजाब योजना बोर्ड को भंग कर दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि केंद्र सरकार में बने योजना आयोग को पिछली मोदी सरकार में ही भंग कर दिया गया था और उसकी जगह नीति आयोग बना दिया था, लेकिन पंजाब में अभी भी योजना बोर्ड बना हुआ था।
इससे पहले योजना बोर्ड राज्य की सालाना योजना तैयार करके योजना आयोग से पारित करवाता था, लेकिन योजना आयोग के भंग होने के बाद राज्यों में बने योजना बोर्डों योजनाएं बनाना और उसे पास करवाने का काम खत्म हो गया। (20 वेलफेयर बोर्ड)