लखनऊ। राज मोहम्मद: उन्नाव और राजधानी लखनऊ के साथ देशभर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के छह कार्यालय में बम विस्फोट की धमकी देने वाले राज मोहम्मद ने एसआइअटी की सख्ती पर बड़ा राज खोला है। राज मोहम्मद तो पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का सक्रिय सदस्य है। इसके साथ ही उसने एसडीपीआइ के लिए भी काफ समय तक काम किया है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) इस्लामिक चरमपंथी संगठन पीएफआइ की राजनीतिक शाखा है।
राम मोहम्मद को उत्तर प्रदेश की एटीएस के इनपुट पर तमिलनाडु पुलिस ने एटीएस की टीम के साथ सात जून को पुदुकुदी से पकड़ा था। उसके बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने राज मोहम्मद को अपनी रिमांड पर लिया था। एटीएस की टीमों ने कई राउंड उससे पूछताछ की। राम मोहम्मद ने एक व्हाट्स एप ग्रुप पर लखनऊ के साथ ही उन्नाव तथा कर्नाटक में आरएसएस के चार कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। इसके बाद से ही एटीएस अपने अभियान में लगी और राज मोहम्मद को पकड़ लिया।
लखनऊ में एटीएस के मुख्यायल में राज मोहम्मद ने पूछताछ में पता चला है कि वो पीएफआइ का सक्रिय सदस्य है। एटीएस की पूछताछ में राज मोहम्मद ने पीएफआइ के साथ अपना कनेक्शन कबूला है। वह 2018 से 2021 के बीच पीएफआइ और फिर बाद में एसडीपीआइ के सक्रिय सदस्य के तौर पर काम कर रहा है। पूछताछ के दौरान राम मोहम्मद 2021 के बाद की अपनी गतिविधियों को बताने से बच रहा है। राज मोहम्मद को सात जून को पकडऩे वाली यूपी एटीएस राम मोहम्मद को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। उसके खिलाफ लखनऊ के मडियांव कोतवाली में केस भी दर्ज है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश एटीएस के इनपुट पर तमिलनाडु पुलिस ने एटीएस की एक टीम के साथ उत्तर प्रदेश के दो सहित देश भर के छह राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) के कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले राज मोहम्मद नाम के युवक को तमिलनाडु से पकड़ा था। इसने उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा उन्नाव के साथ कर्नाटक में चार जगह पर आरएसएस के कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। वॉट्सऐप ग्रुप पर मिली इस धमकी के बाद लखनऊ की मडिय़ांव कोतवाली में केस दर्ज किया गया। प्रकरण में लखनऊ की पुलिस के साथ अन्य एजेंसियां भी पड़ताल में जुट गईं। राज मोहम्मद को तमिलनाडु के पुदुकुदी से पकड़ा गया।
अल अंसारी इमाम रजी उन मेंहदी नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में यह धमकी दी गई है। अल इमाम अंसार रजी उन मेंहदी नाम के ग्रुप में आरएसएस कार्यकर्ता लखनऊ के अलीगंज निवासी प्रोफेसर नीलकंठ पुजारी इनवाइट लिंक के जरिए जुड़ गए। इसके बाद उसको यह मैसेज मिला। इस ग्रप में जुडऩे के बाद उन्होंने देखा कि आरएसएस के कार्यालयों को बम से उड़ाने के तरीके पर चर्चा हो रही है। जिसके बाद उन्होंने अवध प्रांत के पदाधिकारी को इसकी सूचना दी। मामले का संज्ञान लेते हुए अवध प्रांत के पदाधिकारी ने आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों को जानकारी की, जिसके बाद पूरे मामले की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों से साझा की गई। प्रोफेसर ने मडिय़ांव कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई।