बलरामपुर। प्रेमिका: देवीपाटन गांव में प्रेमी युगल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने से सनसनी फैल गई। शनिवार की देर रात गांव के दक्षिण आम के बाग में गोरखनाथ चौहान का शव पड़ा मिला। रविवार सुबह सात बजे उसी बाग में प्रेमिका उषा का शव आम के पेड़ की डाल से दुपट्टे के सहारे लटका पाया गया।
मृतक गोरखनाथ की बहन संजू देवी ने भाई की मौत को हत्या बताया है। कहा है कि प्रेम प्रसंग में उसके भाई की हत्या हुई है। जबकि पुलिस दोनों की मौत हो प्रेम प्रसंग में आत्महत्या बता रही है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है। घटना से गांव में कोहराम मच गया है।
नगर से सटे देवीपाटन गांव में आदिशक्ति मां पाटेश्वरी मंदिर स्थित है। गांव की आबादी करीब दो हजार है। शनिवार की रात गांव में जन्माष्टमी की पूजा चल रही थी। गांव से करीब 200 मीटर दूरी पर नई देवी माता का मंदिर है। बगल में ही आम का बाग लगा हुआ है
देवीपाटन निवासिनी संजू देवी के मुताबिक, रात करीब 10 बजे गांव की ही ऊषा देवी कार्यक्रम स्थल पर दौड़ती हुई पहुंची। वहां मौजूद लोगों को बताया कि संजू के भाई गोरखनाथ चौहान को कुछ लोग आम के बाग में पीट रहे हैं। उसने गोरखनाथ की जान बचाने के लिए लोगों से गुहार लगाई, लेकिन कोई वहां नहीं गया।
इस बात की जानकारी गोरखनाथ के पिता झगरू व परिजनों को दी गई। पिता झगरू व गांव के अन्य लोग रात 11 बजे बाग में पहुंचे। वहां गोरखनाथ अचेत अवस्था में पड़ा था। ऊषा(प्रेमिका) उसके सीने से लिपटकर रो रही थी। ग्रामीणों की मदद से गोरखनाथ को घर लाया गया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इस बात की जानकारी गांव के अन्य लोगों को नहीं दी गई। रविवार की सुबह आम बाग में शौच करने गए ग्रामीणों ने देखा कि ऊषा का शव दुपट्टे के फंदे के सहारे पेड़ की डाल से लटक रहा था। पुलिस शव को थाने ले आई।
जन्माष्टमी में घर आया था गोरखनाथ : संजू का आरोप है कि उसके भाई गोरखनाथ व ऊषा(प्रेमिका) के प्रेम प्रसंग की जानकारी घर वालों को थी। दोनों परिवारों के बीच इस बात को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका था। तंग आकर झगरू ने गोरखनाथ को बाहर कमाई के लिए भेज दिया था। वह अभी 10 दिन पूर्व जन्माष्टमी मनाने घर लौटा था।
शनिवार रात लोगोंं ने मौका देखकर उसकी हत्या कर दी। संजू ने बताया कि उसके गले में एक तरफ लाल निशान था। मौके पर एक लाठी पड़ी थी। प्रतीत होता है कि गोरखनाथ के गले को लाठी से दबाकर मार दिया गया है।
चुप्पी साधे हैं ग्रामीण : घटना के बावत ग्रामीण मुंह खोलने से कतरा रहे हैं। कुछ लोगों ने दबी जुबान से गोरखनाथ व ऊषा देवी के बीच प्रेम प्रसंग एवं देनों परिवारों के बीच कई बार विवाद होने की बात स्वीकार की। जब पुलिस ने ऊषा के शव को पेड़ से नीचे उतरवाया तो उसके पिता राम कुमार ही साथ थे। उसके दो भाई देखने तक नहीं आए थे।
गोरखनाथ का मोबाइल भी नहीं मिला है। वह घर से जन्माष्टमी कार्यक्रम देखने की बात कहकर निकला था। गांव में ही पुलिस चौकी है। वहां के प्रभारी अनिल दीक्षित को रात में घटना की जानकारी नहीं हो सकी। चौकीदार ने भी उन्हें कुछ नहीं बताया। इस प्रकरण पर पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
पीएम रिपोर्ट के इंतजार में पुलिस : प्रभारी निरीक्षक प्रभाकर सिंह का कहना है कि गोरखनाथ व ऊषा देवी के बीच प्रेम प्रसंग की बात कही जा रही है। घर वाले इसके विरोध में थे। दोनों ने आम के वृक्ष से फांसी लगाकर जान दी है। इस प्रकरण में हत्या की बात सामने नहीं आई है। अभी तक दोनों परिवारों से कोई तहरीर नहीं मिली है। एसपी राजेश कुमार सक्सेना का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत के कारणों का पता चल सकेगा।