कैमरामैन (Cameraman) प्रिंस पंजाबी का विशेष संवाद नव टाइम्स न्यूज़ के साथ।
सबसे पहले तो आप हमें अपने बारे में थोड़ा बताएं आपका बचपन कैसा रहा आप क्या बनने की इच्छा रखते थे?
प्रिंस:- वैसे तो मेरा नाम प्रवेश कुमार है लेकिन इंडस्ट्री में लोग मुझे प्रिंस पंजाबी के नाम से जानते हैं और मैं मूल रूप से हरियाणा के करनाल जिला गांव बियाना का रहने वाला हूं बचपन जैसा लगभग एक आम बच्चे का होता है वैसा ही मेरा भी रहा और मैं अपने सपने की बात करूं तो मुझे बचपन से ही कैमरा चलाने का बहुत शौक था मैं हमेशा जब भी मुझे समय मिलता मैं फोटोग्राफी किया करता था।
आपने अपने कैमरा करियर की शुरुआत कैसे करी?
प्रिंस:- जैसा कि मैंने बताया कि मुझे बचपन से ही कैमरा चलाने का शौक था तो मुझे जब भी समय मिलता मैं शादी-ब्याह में फोटोग्राफी तथा वीडियोग्राफी किया करता था लेकिन मुझे वहां संतुष्टि नहीं मिली इसलिए मैं अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी कर बिना किसी को बताए मुंबई भाग गया जहां लगभग 2 वर्ष के संघर्ष के बाद अमर शैल जिनको मैं अपना गॉडफादर भी कहता हूं वह भी हरियाणा के ही रहने वाले हैं उन्होंने निर्देशक दीपक बहरी से मेरी मुलाकात करवाई जिन्होंने मुझे डीडी नेशनल पर एक शो चलता था ‘विराट’ जिसमें काम दिया उसके बाद फिर ‘शक्तिमान, चंद्रकांता’ जैसे सीरियल्स से मैंने अपने करियर की शुरुआत करी।
एक कैमरामैन (Cameraman) या डी ओ पी (Director of Photography) का क्या-क्या काम होता है जो एक आम व्यक्ति को पता नहीं होता?
प्रिंस:- एक कैमरामैन या डीओपी (DOP) एक निर्देशक का उसके काम में लगभग 60% तक मदद करता है जैसे कि निर्देशक जब हमें बताता है कि मुझे इस प्रकार का सीन चाहिए तो कैमरे के फ्रेम में उस सारे सीन को सेट करवाना एक कैमरामैन का काम होता है इसके साथ साथ कैमरे के सारे एंगल तथा वीडियो शॉर्ट्स देखना भी कैमरामैन का काम होता है साथ ही जहां पर भी शूट होना होता है वहां पर कैमरा सेटअप वालों को लाइटिंग वालों तथा आर्ट वालों को शूटिंग के दिए गए समय से पहले पहुंचना पड़ता है तभी वह शूटिंग शुरू होने से पहले सारा सेटअप कर पाएंगे क्योंकि शूटिंग शुरू होने के बाद अधिकतर जिम्मेदारी डी ओ पी (DOP) पर आ जाती है।
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पहले कैमरामैन के पास शूटिंग के लिए इतनी सुविधा नहीं होती थी जो अब है तो उससे एक डी ओ पी को कितना सहारा मिलता है?
प्रिंस:- पहले इतनी सुविधा नहीं होती थी जिसमें शूटिंग करते समय वाकई कई परेशानियां होती थी लेकिन अब जब धीरे-धीरे सुविधाएं बढ़ रही है तो इससे डी ओ पी का काम बट गया है जो अच्छी बात है जैसे पहले हाई-एंगल शॉट लेने के लिए कैमरामैन को हेलीकॉप्टर में लटक कर शूट करना पड़ता था लेकिन अब ड्रोन आ गए हैं जिससे वह काम आसान हो गया है साथ ही जिम्मी जिप आ गए हैं जिससे कैमरा एंगल्स आसानी से लिए जै सकते हैं तथा और भी सुविधाएं आने से एक तो कैमरामैन की सुरक्षा बढ़ गई है और उसके काम में आसानी हो गई है।
एक कैमरामैन (Cameraman) को क्या-क्या काम आना चाहिए जो इंडस्ट्री के लिए जरूरी है और उन्हें आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
प्रिंस:- इस विषय पर मैं यही कहूंगा कि पहले के मुकाबले अब काम करना आसान हो गया है अगर आपको कैमरे की थोड़ी बहुत जानकारी है तो आप एक असिस्टेंट के रूप में या स्वयं से ही अपना काम शुरू कर सकते हैं और मैं बात करूं कि एक कैमरामैन को क्या क्या पता होना चाहिए तो उसे सबसे पहले तो लाइटिंग का पता होना चाहिए उसके बाद एडिटिंग की थोड़ी बहुत जानकारी हो और साथ ही उसे कैमरा फ्रेम का पता होना चाहिए यदि आपको इन तीन चीजों है तो आप डी ओ पी बन सकते हैं।
प्रिंस पंजाबी के पेशेवर उपलब्धियां : स्वतंत्र छायाकार के रूप में चल रहा है और जल्द ही आने वाले प्रोजेक्ट
फ़िल्में:-
* डर्टी पॉलिटिक्स, द्वारा निर्देशित: के.सी.बोकाडिया
* पायलट बाबा, निर्देशक: संतोष मिश्रा (B.N.A)
* जोगन, द्वारा निर्देशित: कुलजीत मल्होत्रा (कलाकार: ग्रेसी सिंह, आदि)
* NH8 (एक वायाकॉम परियोजना) प्रीति सूद द्वारा निर्मित म्हारा गांव मारो देस (गढ़वाली) रोमियो और राधिका (गुजराती) (मेरे द्वारा 50% शॉट)
* स्वतंत्र छायाकार के रूप में लघु फिल्म: कौर की करिश्मा (Sikhnet.com) पुरस्कार विजेता (अक्टूबर 2013) तृष्णा पूनम लबाना के निर्देशन में बनी फ़िल्में-टीवी शो
जल्द आने वाले प्रोजेक्ट:-
* (वेब सीरीज) टू बी और नॉट टू बी (To Be OR Not To Be)
* (हरियाणवी फिल्म) सवारी
प्रिंस पंजाबी’ के साथ विशेष साक्षात्कार हमारे संवाददाता पिंटू राय’ द्वारा किया गया।