रविवार, 2 अप्रैल को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अपने एक बयान में (Pilibhit Gurudwara) बताया कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के मोहनपुर गुरुद्वारे का CCTV फुटेज गायब हो गया है। भगोड़े खालिस्तानी समर्थक व वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके एक आका पप्पलप्रीत सिंह की तलाश के बीच सुरक्षाकर्मी गुरुद्वारा पहुंच गए हैं।
जांच के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि गुरुद्वारा का 25 मार्च तक का फुटेज गायब है। पुलिस के मुताबिक, CCTV कैमरों ने 26 मार्च को रिकॉर्डिंग फिर से शुरू की गई। पुलिस ने जो फुटेज रिकॉर्ड किए, उसमें उन्होंने बाड़पुरा गुरुद्वारा के प्रमुख जत्थदार के नाम से पंजीकृत एक वाहन को परिसर के अंदर खड़ा देखा।
गौरतलब है कि 28 मार्च को पंजाब के फगवाड़ा से एक वाहन बरामद होने के बाद 30 मार्च को गुरुद्वारे के कारसेवक जोगा सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। (Pilibhit Gurudwara) एक अन्य व्यक्ति की पहचान गुरवंत सिंह के रूप में हुई, जो ड्राइवर था, जिसे भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसा माना जाता है कि कारसेवक जोगा ने ही अमृतपाल को उसी वाहन से पंजाब पहुंचने में मदद की थी।
एक अन्य खबर में शनिवार को पप्पलप्रीत सिंह को कथित तौर पर होशियारपुर गांव के एक डेरे में देखा गया था। कहा जा रहा है कि यह फुटेज 29 मार्च का है, जिसके एक दिन बाद पंजाब पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने फगवाड़ा से अमृतपाल के होने के शक में एक इनोवा का पीछा किया था।
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अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई
18 मार्च को पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से अमृतपाल सिंह के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई शुरू की। खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी नेता दिवंगत अभिनेता से कार्यकर्ता बने वारिस पंजाब डे के संगठन को अपने कब्जे में लेने के बाद निशाने पर आ गए। सिंह की खालिस्तान समर्थक विचारधारा खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के विद्रोह के दौरान प्रचारित करने के समानांतर है। (Pilibhit Gurudwara) 1980 के दशक के अंत में भिंडरावाले की कार्यप्रणाली के साथ उनकी प्रसिद्धि में वृद्धि भी हुई।
कार्रवाई के बाद, सिंह से जुड़े 150 से अधिक सहयोगियों और युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि करीबी सहयोगी हिरासत में रहे, जो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं थे, उन्हें पुलिस ने रिहा कर दिया। इसके अलावा, यह बताया गया कि सिंह नशामुक्ति केंद्रों की आड़ में एक निजी मिलिशिया बना रहा था। (Pilibhit Gurudwara) ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और अन्य स्थानों सहित कई खालिस्तानी समर्थक समूह विदेशी भूमि पर विरोध कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान इन देशों में आधिकारिक भारतीय सरकारी प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया गया। फिलहाल अभी पुलिस अमृतपाल की तलाश में जुटी हैं|