पंचकूला 23 अप्रैल 2023। विश्वास फाउंडेशन पंचकूला द्वारा गुरुदेव श्री स्वामी विश्वास जी के (Siridhya Desi Diet) आशीर्वाद से सिरीधान्य देसी आहार से सम्पूर्ण स्वास्थ्य संबंधित वर्कशॉप का दो दिवसीय कार्यक्रम बीकेएम विश्वास स्कूल सेक्टर 9 पंचकूला के प्रांगण में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मैसूर से पधारी मिलेट मैन ऑफ इंडिया पद्मश्री डॉक्टर खादर अली की बेटी मिलेट्स डाइट विशेषज्ञ डॉक्टर सरला बीएएमएस गोल्ड मेडलिस्ट वर्कशॉप को कन्डक्ट करने के लिए पहुंची। जिसका मुख्य लक्ष्य था आहार से आरोग्य।
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कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके व विश्वास फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी नीलिमा विश्वास जी द्वारा ध्यान मेडिटेशन करवाकर की गई। उसके पश्चात विश्वास फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा डॉक्टर सरला को पुष्प गुचछ देकर उनका स्वागत करके साथ ही सिरोपा देकर उनका सम्मान भी किया। ट्राइसिटी व कुछ बाहर से आए करीब 200 लोगों ने इस दो दिवसीय वर्क्शाप को अटेन्ड किया।
डॉक्टर सरला ने लेक्चर देकर लोगों को मिलेट्स के बारे में जागरूक किया और बताया कि मिलेट्स हमारे लिए क्यों फायदेमंद हैं। मिलेट्स का उपयोग ना सिर्फ ह्यूमन बॉडी के लिए फायदेमंद है बल्कि इसकी खेती से कई लीटर पानी भी बचाया जा सकता है। (Siridhya Desi Diet) 1 किलो चावल की खेती में 8000 लीटर पानी खर्च होता है जबकि 1 किलो की खेती में 200 से 300 लीटर पानी की खपत होती है।
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सिरिधान्य यानी पांच प्रमुख मिलेटस जिसमें कोदो कुटकी सावा कंगनी और छोटी कंगनी के सेवन और इसके फायदे के बारे में बताया गया पांच प्रमुख मिलेटस का सेवन हर मौसम में किया जाना चाहिए। क्योंकि इसमें माइक्रो जैसे तत्व होते हैं यानी कि कोदो कुटकी सावा कंगनी और छोटी कंगनी को रेगुलर खाया जाए तो हमारे शरीर में बनने वाली अच्छी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है और बुरे वैकटरिया की संख्या धीरे-धीरे घटने लगती है।
इस प्रक्रिया के बाद पेट में पुरानी बीमारी भी ठीक होने लगती है जबकि दूसरे अनाज खाने में उससे ग्लूकोस अधिक होने के कारण हमारे शरीर में ग्लूकोस बढ़ने लगता है। (Siridhya Desi Diet) इसको पुलाव रोटी किसी भी तरह से खाया जा सकता है। कोदो कुटकी सावा कंगनी और छोटी कंगनी में आठ से 12 परसेंट फाइबर होता है और तीनो टाइम खाया जा सकता है। जिन लोगों ने इस वर्कशॉप को अटेन्ड किया उनके प्रश्नों का निवारण भी डॉक्टर सरला द्वरा मौके पर ही किया गया। इस कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी लोगों को मिलेट्स से बना हुआ भोजन ही खिलाया गया।