नई दिल्ली। हनुमान जन्मोत्सव पर 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम यहां पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण ढहा रहा है। बुधवार को सुबह 10 बजे से साढ़े बारह बजे तक अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई होती रही, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाके में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया है। इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी। वहीं, बृहस्पतिवार दोपहर में कांग्रेस के महासचिव अजय माकन और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी कुशल चौक पर पहुंचे। यहां पर मीडिया से बातचीत में अजय माकन ने कहा कि अवैध निर्माण को भी बिना नोटिस के नहीं हटाना चाहिए था।
इस बीच उत्तर दिल्ली नगर निगम की ओर से कहा गया है कि तकरीबन आधा दर्जन बुलडोडर आसपास ही मौजूद हैं, जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलेगी अवैध निर्माण तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इससे पहले बुधवार को जहांगीरपुरी में शोभायात्रा पर हमला करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ बुलडोजर चला, इस दौरान कई अतिक्रमण हटाए गए।
बुधवार को यहां पहुंचे सात बुलडोजर के जरिये उपद्रवियों के अवैध निर्माण को ध्वस्त कर 100 मीटर से अधिक के दायरे में सड़क व फुटपाथ को अतिक्रमणमुक्त करा दिया गया। जहांगीरपुरी के सी-ब्लाक की मस्जिद के अवैध निर्माण को ढहाने के साथ मंदिर के पास हुए अतिक्रमण को भी हटाया गया। जमीयत उलमा ए हिंदू की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया। इस पर बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
इससे पहले बुधवार को ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त संजय गोयल व महापौर राजा इकबाल सिंह पुलिस बल के साथ उस स्थान पर पहुंचे, जहां हिंसा शुरू हुई थी। कुछ ही देर में एक-एक करके सात बुलडोजर पहुंच गए और अवैध निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। पार्क से लेकर दुकानों और मस्जिद तक के अवैध निर्माण को हटाया गया।
कार्रवाई से बांग्लादेशी घुसपैठियों की बस्ती में हड़कंप मच गया। उन्होंने कार्रवाई को रोकने का प्रयास किया, लेकिन भारी पुलिस बल होने की वजह से अधिक उत्पात नहीं मचा सके। इस बीच वामपंथी नेता वृंदा करात भी कार्रवाई रोकने पहुंचीं। करीब दो घंटे तक चली कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद निगम ने रोक दिया और बुलडोजर लौट गए। उधर, एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शाम में जहांगीरपुरी पहुंचे, लेकिन उन्हें पुलिस ने संवेदनशील इलाके में नहीं जाने दिया।