देहरादून : विभिन्न सरकारी विभागों की नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को सचिवालय कूच किया। कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय से सचिवालय तक विरोध प्रर्दशन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने सचिवालय से पहले बैरिकेडिंग लगा रखी थी। यहीं पर कांग्रेस नेता धरने पर बैठ गए हैं।
विधायक भुवन कापड़ी ने आरोप लगाए कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से जो भर्तियों हो रही है उनमें भाई- भतीजावाद और घोर अनियमितता बरती जा रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर आरोप लगाए कि करीब दस हजार पद विभिन्न विभागों में रिक्त हैं।
सरकार ने जिन रिक्तियों की परीक्षा आयोजित की उनके परिणाम घोषित नहीं किए है। जिन परीक्षा के परिणाम जारी किए गए उनमें चहतों को मौका मिला है। आम युवा खुद को ठगा महसूस कर रहा है। इस मौके पर युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ, महिला कांग्रेस, सेवा दल, इंटक व महानगर कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद हैं।
इस दौरान विधायक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड सेवा चयन आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान भी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की नियुक्तियों का मामला सदन में उठाया था। इस मौके पर कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, संदीप चमोली, मोहन भंडारी आदि मौजूद रहे।
मानदेय न मिलने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में रोष
मानदेय नहीं मिलने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। इन कार्यकर्ताओं को केंद्र की ओर से जनवरी, जबकि राज्य सरकार द्वारा अप्रैल के बाद का मानदेय नहीं दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय भुगतान शीघ्र जारी न होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। राज्य की बात करें तो वर्तमान में 33690 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, मिनी कार्यकर्ता व सहायिका कार्यरत हैं।
इन कार्यकर्ताओं को केंद्र से 4500, जबकि राज्य सरकार से 4700 रुपये मानदेय मिलता है। लंबे समय से मानदेय न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती सेविका कर्मचारी संगठन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला का कहना है कि जनवरी से केंद्र और अप्रैल से राज्य सरकार द्वारा मानदेय नहीं मिला है। शासन और विभागीय अधिकारियों से वार्ता के बाद भी स्थिति जस की तस है। कहा कि इसी सप्ताह संगठन बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगा।
एएनएम ने स्थगित किया आंदोलन
मातृ शिशु परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ ने 28 जुलाई को प्रस्तावित आंदोलन स्थगित कर दिया है। संगठन ने पदोन्नति, प्रोत्साहन राशि, एसीपी सहित अन्य मांग न पूरी होने पर स्वास्थ्य महानिदेशालय पर तालाबंदी का एलान किया था। सोमवार को उनकी स्वास्थ्य सचिव राधिका झा के साथ बैठक हुई। जिसमें निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम डा. सरोज नैथानी भी उपस्थित रहीं।
इस दौरान संगठन के मांगपत्र पर विस्तार से चर्चा की गई। सचिव ने सभी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने एएनएम को कोविड ड्यूटी के बदले दस हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की भी बात कही है। प्रांतीय अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा ने बताया कि मांगों पर हुई सकारात्मक वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित किया गया है।
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