कोटली। गुलाम कश्मीर (पीओके) में पर्यटन प्राधिकरण अधिनियम (Tourism Authority Act) सहित संविधान में 15वें संशोधन के खिलाफ विरोध रैली और धरना प्रदर्शन हो रहा है। कोटली जिले के चारहोई तहसील विरोध प्रदर्शन का नया केंद्र बन गया है। इसके साथ ही मुजफ्फराबाद, बाग, कोटली, चारहोई, चकेश्वरी, ताओबत और इफ्तिखाराबाद सहित कई हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य जून से लेकर 14 अगस्त तक रावलकोट, मुजफ्फराबाद, नीलम घाटी और आसपास के इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी हुए।
विरोध प्रदर्शन में कई संगठन शामिल
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट( JKLF),पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पीएमएलएन (PMLN) पीपीपी, जेईआई, इस्लामी जमीयत-ए-तालाबा, कई छात्र संगठनों, और व्यापारियों की संस्थाओं सहित कई राजनीतिक, राष्ट्रवादी, इस्लामिक संगठनों ने संविधान के 15वें संशोधन को कश्मीर को अस्थायी रूप से विभाजित करने का साजिश करार देते हुए कहा कि जब तक यह संशोधन वापस नहीं हो जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
निकाय चुनाव को स्थगित करने का प्रयास
प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने आरोप लगया कि सरकार और विपक्ष दोनों एक साथ मिलकर स्थानीय निकायों के चुनावों को स्थगित करने का प्रयास कर रही है। इन सभी नेताओं ने अपने स्थानीय सांसदों पर भी आरोप लगाया और कहा कि जमिनी स्तर पर शक्तियों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
पाकिस्तान PoK पर करना चाहता है कब्जा
पाकिस्तान हर हाल में पीओके पर अपना कब्जा बनाना चाहता है। हालांकि पीओके के नेताओं ने ताओबत गांव से लेकर इफ्तिखाराबाद तक कश्मीरी राष्ट्र में 15वें संशोधन को खारीज कर दिया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री फारूक हैदर ने 12 अगस्त तक खुद को पीओके के लोगों के हित में काम किया लेकिन उनपर तनवीर इलियास के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन करने की दी चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने बिजली दरों में बढ़ोतरी को खरीज करते हुए घोषणा की कि वे स्थानीय निकाय चुनावों के स्थगन को नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इस चुनावों को स्थगित किया जाता है तो वे सभी पीओके सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने घोषणा की कि अगर पीओके में 15वां संशोधन को सरकार ने पास किया तो वे सभी विधायकों का बहिष्कार करेंगे।