लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी पूर्व सांसद डिंपल यादव या रमाकांत यादव पर दांव लगा सकती है। पहले यहां से पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, किंतु उनके इन्कार के बाद नए सिरे से प्रत्याशियों पर मंथन हो रहा है। वहीं, अखिलेश यादव ने बुधवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती पार्टी के वरिष्ठ नेता मो. आजम खां से मुलाकात की। अखिलेश ने आजम के स्वास्थ्य का हाल-चाल लिया और रामपुर लोकसभा के उपचुनाव पर भी चर्चा की।
सूत्रों के अनुसार धर्मेंद्र यादव वर्ष 2024 में बदायूं लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने पत्नी डिंपल यादव को लड़ाने में दिक्कत इस बात की है कि भाजपा यहां सपा को हराने में पूरा दमखम लगा देगी। यदि डिंपल चुनाव हार जाती हैं तो उसका संदेश अच्छा नहीं जाएगा। ऐसे में सपा पूर्व सांसद एवं वर्तमान विधायक रमाकांत यादव को लड़ा सकती है। इसके अलावा कई स्थानीय नेताओं के नाम पर भी पार्टी में मंथन चल रहा है।
आजम जिसे चाहेंगे उसे रामपुर से लड़ाएंगे चुनाव : सपा मुखिया अखिलेश यादव व रामपुर शहर विधायक आजम खां की दिल्ली में मुलाकात के बाद दोनों के बीच गिले-शिकवे दूर हो गए हैं। अखिलेश व आजम की मुलाकात में रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव पर भी बात हुई। यह सीट आजम खां के इस्तीफा देने के कारण ही रिक्त हुई है। करीब तीन घंटे चली बातचीत के बाद साफ हो गया कि आजम जिसे चाहेंगे रामपुर संसदीय सीट से उपचुनाव में उसे लड़ाएंगे। संभावना है कि उनकी पत्नी तजीन फात्मा ही चुनाव लड़ेंगी। बताया जाता है कि आजम ने अखिलेश यादव से कह दिया था कि वह जिसे चाहें उसे उपचुनाव में लड़ा दें। अखिलेश यादव इस पर तैयार नहीं हुए। आजम के बेटे विधायक अब्दुल्ला आजम के मुताबिक अखिलेश यादव ने आजम खां को प्रत्याशी का चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी है।