Asian Games : देश को अनगिनत मेडल दिलाने वाले महावीर विनोद राणा स्पॉन्सर तक भी नही मिल पा रहा है। आज देश को एशियन गेम्स में मेडल दिलाने के लिए बस एक स्पॉन्सर की जरूरत है। महावीर विनोद राणा को दुनियां का दूसरा एकलव्य कहा जाता है। आधुनिक युग के इस एकलव्य ने भारत के लिए बिना किसी कोच के इस देश को कई गोल्ड मेडल दिए हैं फिर भी यह खिलाड़ी गुमनामी के अंधेरे में डूबा हुआ है और खुद की मेहनत से ही एशियन गेम्स में भी जगह बनाई है।
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एशियन गेम्स ओलंपिक गेम्स के बाद दुनियां का सबसे बड़ा गेम्स होता है। एशियन गेम्स (Games ) भी ओलंपिक की तरह ही एक बड़ा गेम्स होता है। जिसमें ओलंपिक के सारे खेल खेले जाते हैं। महावीर विनोद राणा ने खुद की बड़ी लगन से एशियन गेम्स में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं।
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इतना सब कुछ देश को देने के बाद भी आज महावीर विनोद राणा के पास कोई बैकअप नहीं है, ना ही कोई स्पॉन्सर है। जिसकी वजह से विनोद राणा किसी अच्छे अंतरराष्ट्रीय कोच से ट्रेनिंग नहीं ले पा रहे हैं। एशियन गेम्स में खेलने वाले खिलाड़ी एक से बढ़कर एक आते हैं जिनसे टक्कर लेने के लिए एक अच्छी तैयारी चाहिए। जिसके लिए एक अच्छा कोच चाहिए। तब जाकर देश को मेडल आता है।