उत्तरकाशी : रविवार की सुबह उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला भूकंप (Earthquake Tremors) के झटके से डोल उठा। जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 10 बजकर 44 मिनट पर उत्तरकाशी में भूकंप का झटका महसूस किया गया।
भूकंप की तीव्रता 2.5 रिक्टर बताई गई है। भूकंप के झटके जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। नुकसान की कोई सूचना नहीं है। भूकंप(Earthquake) का केंद्र बाड़ाहाट रेंज ग्राम उत्तरों के जंगलों के मुकता टॉप में है।
शनिवार को दूसरी बार देखा गया एवलांच
बता दें कि एक दिन पहले शनिवार को केदारनाथ के पास ऊंंची चोटियों पर एवलांच भी आया था। केदारनाथ धाम से सात किमी पीछे शनिवार को दूसरी बार एवलांच देखा गया। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले गत 22 सितम्बर को भी मंदिर के पीछे एवलांच देखा गया था।
भूकंप जोन पांच में आता है उत्तरकाशी
भूकंप का झटका आते ही लोग घरों से बाहर निकले। अभी कहीं से किसी नुकसान की सूचना नहीं है। बता दें कि उत्तरकाशी जिला भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। उत्तरकाशी भूकंप (Earthquake Tremors) जोन पांच में आता है।
भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है उत्तराखंड
लेसर हिमालया में सबसे अधिक भूकंप आ रहे हैं। इंडियन प्लेट में हिमालयन थ्रष्ट के जोड़ में गतिविधियों से भूकंप की वजह हैं। बता दें कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं के कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है।
उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच में आता है। ऐसे में हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप(Earthquake) के लिहाज से संवेदनशी राज्य है और यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
12 स्थानों पर भूकंपमापी यंत्र स्थापित
इसके लिए कुमाऊं में मुनस्यारी, तोली, भराणीसैंण चमोली, चंपावत के सुयालखर्क, कालखेत, धौलछीना, मासी, चंपावत के सुयालखर्क, कालखेत, धौलछीना, मासी, देवाल, फरसाली कपकोट, पांगला पिथौरागढ़, कुमइया चौड़ पिथौरागढ़ समेत 12 स्थानों पर भूकंपमापी यंत्र स्थापित किए गए हैं।
क्यों आते हैं इस क्षेत्र में भूकंप
हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जो भूकंप आने का स्वाभाविक कारण है। 1999 से 2018 तक करीब 5500 से छह हजार तक भूकंप(Earthquake) आए, इसमें से 600 से ज्यादा भूकंप की तीव्रता 3.5 मैग्नीटयूड थी।