नई दिल्ली। महंगाई की मार से पूरी दुनिया परेशान है। महंगाई को कम करने के लिए हर देश की केंद्रीय बैंक(ECB) एक अहम कदम उठा रही हैं। भारत और अमेरिका समेत कई देशों की केंद्रीय बैंकों ने अब तक महंगाई को कम करने के लिए उचित कदम उठाया है। बैंकों ने ब्याज दरों में कुछ बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की है। इस क्रम में आज गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने भी महंगाई से लड़ने के लिए अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की है। यूरो जोन में रिकॉर्ड उच्च स्तर की महंगाई दर को कम करने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) ने अपना डिपॉजिट रेट 0.50 फीसद बढ़ाकर शून्य कर दिया है।
आपको बता दें कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक(ECB) ने साल 2011 के बाद से पहली बार ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला तब किया गया, जब पूरी दुनिया महंगाई की उच्च दर से परेशान है। महंगाई को इस स्तर पर पहुंचाने में कोरोना महामारी और यूक्रेन-रूस युद्ध का बहुत बड़ा हाथ है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों को बढ़ाने के ऐलान के साथ ही एक नया बॉन्ड-खरीद प्रोग्राम भी लॉन्च किया, जिसका मकसद यूरो जोन के सबसे अधिक कर्ज में डूबे देशों के लिए उधार की लागत को काबू करना है। ECB ने अपना डिपॉजिट रेट 0.50 फीसद बढ़ाकर शून्य कर दिया। ईसीबी (ECB) ने इसके साथ अपने सप्ताहिक और रोजाना कैश नीलामी की दर में भी वृद्धि की है।
इस फैसले पर ईसीबी(ECB) ने कहा कि आज की बढ़ोतरी के साथ हम नेगेटिव ब्याज दरों से बाहर निकल गए हैं। यह अब गवर्निंग काउंसिल को एक ब्याज दरों में एक बदलाव की इजाजत देगा, इस पर समय की परिस्थितियों के अनुसार विचार किया जाएगा। इसके साथ ही कर्ज लेने की बढ़ती लागत के असर को कम करने के लिए ECB ने ‘ट्रांसमिशन प्रोटेक्शन इंस्ट्रूमेंट (TPI) लॉन्च किया है। यह यूरो जोन के 19 देशों के बारोइंग कास्ट में किसी तरह का विचलन आने पर इसे बॉन्ड खरीदने की इजाजत देगा।