लखनऊ। डीजीपी: सुधार, प्रदर्शन और बदलाव यानी रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म का मंत्र अपने मंत्रियों को दे चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों को भी बेहतर प्रदर्शन कर सुधार और बदलाव के परिणाम देने होंगे। ‘अकर्मण्यता’ जैसा शब्द प्रयोग करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से मुकुल गोयल को हटाकर सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त संदेश दे दिया है। ऐसे में अटकलें शुरू हो चुकी हैं कि जल्द ही पुलिस और प्रशासन के कई और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का चाबुक चल सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर जनता दरबार में प्रदेशभर से फरियादी आते हैं। सीएम योगी उनकी समस्याएं सुनकर संबंधित अधिकारियों से उनका निस्तारण कराते हैं। कई बार वह इस बात को कह चुके हैं कि तमाम शिकायतें ऐसी आती हैं, जिनका निस्तारण तहसील, जिला और थाना स्तर पर ही हो सकता है। ऐसा सुनिश्चित हो जाए तो जनता को लखनऊ तक आने की परेशानी न उठानी पड़े।
अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शुरुआत से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के तहत कुछ आइएएस और आइपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। चर्चा है कि जल्द ही पुलिस महकमे में भी तबादले होंगे। बेहतर प्रदर्शन न कर पाने वाले पुलिस अधिकारी फील्ड से हटाए जाएंगे।
इधर, प्रयागराज और ललितपुर में हुई सनसनीखेज घटनाओं के बाद सीधे डीजीपी पर यूं नाराजगी जताते हुए कार्रवाई से सीएम योगी ने इशारा कर दिया है कि लापरवाह अधिकारी अब बख्शे नहीं जाएंगे। चर्चा है कि पुलिस विभाग ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों में भी बड़ा फेरबदल जल्द हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी तीन मंडल अयोध्या, झांसी और मेरठ का दौरा हाल ही में कर चुके हैं। मंत्रियों से भी उन्होंने फीडबैक लिया है। शासन स्तर से इस बड़ी कार्रवाई के बाद अधिकारियों में बेचैनी भी बढ़ गई है।