कोच्चि। स्वतंत्रता सेनानी पी गोपीनाथन नायर (Freedom Fighter P Gopinathan Nair) का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे। उनका उम्र संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था। पी गोपीनाथन नायर अपने जीवन में गांधीवादी विचारधारा का पालन करने के लिए जाने जाते थे और उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। पीएम नरेन्द्र मोदी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान, विपक्षी नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
‘गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति थी अटूट प्रतिबद्धता’
स्वतंत्रता सेनानी पी गोपीनाथन नायर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और गांधीवादी सिद्धांतों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाएगा।
राज्यपाल ने व्यक्त किया शोक
राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले गांधीवादी श्री पी. गोपीनाथन नायर के दुखद निधन पर हार्दिक संवेदना। उन्होंने शांति और अहिंसक कार्रवाई में सामाजिक और आध्यात्मिक नेतृत्व वाले लोगों को प्रेरित किया।’
‘पी गोपीनाथन नायर ने गांधीवादी मार्ग पर चलने की दी सलाह’
आरिफ मुहम्मद खान ने कहा, ‘महात्मा गांधी और विनोबा भावे के सभी पहलुओं पर एक अधिकार के रूप में पद्म श्री गोपीनाथन नायर ने लोगों को गांधीवादी मार्ग पर समाज की सेवा करने की सलाह दी। उनकी आत्मा को मुक्ति मिले।’
‘शुद्ध और पारदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी थे नायर’
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गांधीवादी गोपीनाथन नायर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘गोपीनाथन नायर राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के युग को वर्तमान युग से जोड़ने वाली एक मूल्यवान कड़ी थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में गांधीवादी मूल्यों का उदाहरण दिया। वे शुद्ध और पारदर्शी व्यक्तित्व के स्वामी थे।’
‘गांधीवादी आंदोलनों को नायर ने दी शाश्वत प्रेरणा’
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि गोपीनाथन नायर के निधन से हम उन अनुकरणीय व्यक्तित्वों में से एक को खो रहे हैं जिन्होंने गांधीवादी आंदोलनों को शाश्वत प्रेरणा दी।