लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Express Way) बनवा रही है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया हो चुकी है और दिसंबर, 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शाहजहांपुर में इसका शिलान्यास भी कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के बाद भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने भी गुरुवार को इस एक्सप्रेस-वे के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को पर्यावरणीय स्वीकृति (Environmental Clearance) दे दी।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने इस संबंध में ट्वीट कर बताया है कि गंगा एक्सप्रेस-वे को पर्यावरणीय स्वीकृति मिलना विकास परियोजनाओं को निश्चित समयावधि में पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अब गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य और अधिक तेजी के साथ आगे बढ़ेगा।
इससे पहले मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में 100 दिन के लक्ष्यों की प्रगति और अगले छह माह की कार्ययोजना की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि छह माह में गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। नए एक्सप्रेस-वे मार्ग चिन्हित किए जाएंगे।
ईज आफ डूइंग बिजनेस के तहत 352 सुधारों का कार्यान्वयन पूरा किया जाएगा। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति, नई औद्योगिक नीति, संशोधित वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टिक्स नीति, संशोधित रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू करने का लक्ष्य है। बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार, सचिव सुजाता शर्मा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे यूपी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को आपस में जोड़ेगा। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा। इस एक्सप्रेस-वे से मेरठ और प्रयागराज के बीच की दूरी भी घट जाएगी। 11 घंटे से ज्यादा का सफर इसके जरिए आठ घंटे में पूरा होगा।