लक्सर : पर्वतीय और मैदानी जिलों में हो रही वर्षा के चलते हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिससे तटीय इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की धड़कन बढ़ने लगी है। एसडीएम ने बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को 24 घंटे मुस्तैद रहने की हिदायत दी है। तटीय इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों से सतर्कता बरतने को कहा गया है। वर्षाकाल के दिनों में नदियों के उफान पर आने से क्षेत्र के लोगों को हर साल भारी नुकसान उठाना पड़ता है। प्रशासन ने क्षेत्र में बनायी गयी बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को 24 घंटे चौकियों पर रहने की हिदायत दी है।
पिछले पांच वर्षों से खानपुर क्षेत्र के बालावाली से लेकर उत्तरप्रदेश के राम सहायवाला तक बना तटबंध कई जगह से ध्वस्त पड़ा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही टूटे तंटबध से गंगा का पानी खानपुर क्षेत्र में घुस सकता है। गंगा नदी के बढ़ रहे जलस्तर से खानपुर और लक्सर क्षेत्र के दो दर्जन गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तहसील प्रशासन की ओर से क्षेत्र के गोवर्धनपुर, माडाबेला, बालावाली, भिक्कमपुर में बनाई गई बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात कर्मचारी नदियों के जलस्तर पर निगाह रख रहे हैं। एसडीएम गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि गंगा का जलस्तर अभी चेतावनी निशान से भी नीचे है। फिर भी राहत और बचाव कार्यों की तैयारी की गई है। अभी खतरे जैसी कोई बात नहीं है।
मानसून की झमाझम वर्षा में शहर पानी-पानी
शनिवार अलसुबह शुरू हुई वर्षा पूरे दिन रुक-रुक कर होती रही। वर्षा से जहां लोगों को गर्मी और उसम से राहत मिली, वहीं मध्य हरिद्वार के भगत सिंह चौक, रेलवे पुलिया, ज्वालापुर अंडरपास, चंद्राचार्य चौक समेत निचले इलाकों में जलभराव से लोगों को आवागमन में दिक्कतें हुई। भगत सिंह चौक, रेलवे पुलिया के नीचे कई दोपहिया वाहन फंस गए। इससें जाम की स्थिति रही। भेल, जिला मुख्यालय रोशनाबाद, सिडकुल, शिवालिक नगर की ओर जाने वाले वाहनों को पुलिस ने पुराना रानीपुर मोड़ होते भेल और रोशनाबाद की ओर से भेजा। कनखल, ज्वालापुर के कई इलाकों में भी जलभराव से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। कई घर और प्रतिष्ठानों में भी पानी घुस गया।
पिछले कई दिनों से हरिद्वार और आसपास के लोग गर्मी और उमस की मार झेल रहे थे। हालांकि शुक्रवार दोपहर से ही वर्षा की संभावना बन रही थी। लेकिन, शनिवार भोर से पूरे दिन रुक-रुक कर हुई वर्षा से मौसम खुशगवार हो गया। गर्मी और उमस से लोगों को खासी राहत मिली। स्थानीय मौसम केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 32 और 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो शुक्रवार के मुकाबले अधिकतम 4.5 और न्यूनतम तीन डिग्री सेल्सियस कम रहा। 16 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई।
इधर कई स्थानों पर हुए जलभराव के चलते भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। वर्षा से मनसा देवी पर्वत से बहकर आयी मिट्टी के कारण अपर रोड, पुरानी सब्जी मंडी, विष्णु घाट, ब्रह्मपुरी पुलिया के नीचे मलबा आने से श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मध्य हरिद्वार के भगत सिंह चौक और चंद्राचार्य चौक पर हुए जलभराव के चलते भेल, जिला मुख्यालय रोशनाबाद की और जाने वाले वाहनों को पुराना रानीपुर मोड, टिबड़ीपास से होकर गुजारा गया। ज्वालापुर के चौक बाजार, कटहरा बाजार, जुमा मस्जिद के पास, रेलवे फाटक, गुरुद्वारा रोड आदि इलाकों में भी जलभराव हुआ। इससे व्यापारियों को दिक्कतें उठानी पड़ी। कनखल और उत्तरी हरिद्वार में भी कई स्थानों पर जलभराव से दिक्कतें हुई।
नाले-नालियों की सफाई के दावे की खुली पोल
वर्षाकाल से पूर्व नगर निगम की ओर से शहर के छोटे बड़े सवा सौ से अधिक नालों की सफाई का कार्य शुरू कराया गया। 24 जून तक सफाई कार्य पूरा कराने का दावा किया गया। लेकिन, मानसून की वर्षा में जगह-जगह जलभराव ने नगर निगम के सफाई दावों की पोल खोलकर रख दी। जगजीतपुर, जमालपुर लिंक रोड पर भी कई स्थानों पर जलनिकासी बाधित होने से सड़कों पर पानी बहता रहा। नालों के उफनाने से मलबा सड़कों पर फैल गया। कीचड़ और फिसलन ने मुश्किलें बढ़ा दी।
मोहंड रो नदी में आया पानी, तेज बहाव में बच्चा बहा
बुग्गावाला क्षेत्र के मोहंड रो नदी में अचानक पानी आने से एक पांच साल का बच्चा तेज बहाव में बह गया। गनीमत रही कि बच्चा एक टापू पर जाकर रुक गया। इसके बाद पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बच्चे को बाहर निकाला। घाड़ क्षेत्र में भले ही सूखा हो, लेकिन शिवालिक पर्वतमालाओं में लगातार वर्षा हो रही है। शनिवार की सुबह भी बारिश हुई। शनिवार सुबह गय्यूर अपने पांच साल के बच्चे सलमान के साथ खेत पर चारा लेने जा रहा था। जब वह चारा काटने के बाद वापस आ रहा था, तभी अचानक मोहंड रो नदी का जल स्तर बढ़ गया। गय्यूर आगे निकल गया, जबकि बच्चा पीछे रह गया और तेज बहाव में बह गया।
इसी बीच गय्यूर एवं अन्य ग्रामीणों ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे किसान भी मौके पर दौड़ पड़े। इतना ही नहीं, सूचना पुलिस को दी गई। बुग्गावाला थाना प्रभारी पीडी भट्ट पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंच गए। इसी बीच बच्चा नदी में बने एक टापू के पास पहुंच गया और ग्रामीणों ने उसे वहीं पर रुकने के लिए कहा। रस्से एवं अन्य उपकरणों के माध्यम से पुलिसकर्मी स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बच्चे तक पहुंचे और उसे सकुशल बचा लिया।