लखनऊ। बिकरु कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे(Vikas Dubey) की कृष्णानगर के इंद्रलोक कालोनी में स्थित संपत्ति को पुलिस ने सील कर दिया। गुरुवार दोपहर में पुलिस ने पहले वहां माइक से घोषणा की। मुनादी पिटवाई गई और फिर गेट पर ताला लगाकर उसे सील कर दिया। सुरक्षा के लिहाज से वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे।
पुलिस की ओर से विकास के इंद्रलोक नगर स्थित मकान पर मई माह में कुर्की की नोटिस चस्पा की गई थी। बिकरु कांड के बाद पुलिस ने छानबीन की ताे पता चला कि विकास वहां पर छिपने के लिए आया था। विकास के भाई दीप प्रकाश के घर से एक सरकारी नंबर की एंबेसडर गाड़ी भी बरामद की गई थी। पुलिस ने तब गाड़ी को जब्त कर लिया था।
विकास(Vikas Dubey) और उसके भाई के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआइआर भी दर्ज की गई थी। इंस्पेक्टर कृष्णानगर आलोक राय ने बताया कि विकास दुबे के खिलाफ कृष्णानगर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। विकास और उसका भाई गिरोह बनाकर लोगों से रुपये वसूलते थे। विकास के भाई ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और अभी वह जेल में है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि कानपुर जिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। विकास ने आपराधिक गतिविधियों से इसे अर्जित किया था। विकास की पत्नी ऋचा दुबे 90 दिन के भीतर कानपुर में संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकती हैं। निर्धारित अवधि में ऋचा के उपस्थित नहीं होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विकास ने साथियों संग की थी सात पुलिसकर्मियों की हत्या : कानपुर के बिकरू में जुलाई 2020 में दबिश पर गई पुलिस टीम पर विकास दुबे(Vikas Dubey) ने साथियों संग हमला बोल दिया था। हमले में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इनमें एक डिप्टी एसपी भी शामिल थे। मध्य प्रदेश से विकास दुबे को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। कानपुर वापस लाते समय सिचेंडी के पास अचानक गाड़ी पलट गई थी। उस दौरान विकास ने भागने की कोशिश की थी और मुठभेड़ में मारा गया था।