लखनऊ। प्रदेश सरकार गरीब परिवारों की 11 हजार से अधिक बेटियों के हाथ पीले कराने जा रही है। सरकार ने सामूहिक विवाह की तारीख तय कर दी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 27 मई व 10 जून को प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ सामूहिक विवाह कराए जाएंगे। प्रत्येक जिले को अपने यहां 150 सामूहिक विवाह कराने का लक्ष्य दिया गया है।
योगी सरकार गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चला रही है। सर्वधर्म-समभाव व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2017 से संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम कराए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य विवाह उत्सव में होने वाले अनावश्यक प्रदर्शन एवं फिजूलखर्ची को खत्म करना है, साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों की ऐसी शादी कराना जिसका इंतजाम जिले के वीआइपी करें।
योजना के तहत प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार रुपये सरकार खर्च होते हैं। इसमें दांपत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये खर्च होते हें। प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर सरकार छह हजार रुपये खर्च करती है। इसी योजना के तहत अब योगी सरकार 2.0 सामूहिक विवाह 27 मई को कराएगी। सर्वाधिक शादियां इसी तारीख को कराई जाएंगी। इसके बाद जो शादियां बच जाएंगी उसे 10 जून को कराया जाएगा।
निदेशक समाज कल्याण राकेश कुमार ने बताया कि सभी जिलों के समाज कल्याण अधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार अपने-अपने यहां सामूहिकविवाह कराने के निर्देश भेज दिए गए हैं। विवाह के लिए सभी अधिकारी अपने यहां पंजीकरण करेंगे। इस योजना का अधिक से अधिक फायदा जरूरतमंद गरीब परिवारों की बेटियों को दिलाने के लिए कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। योजना में कोई फर्जीवाड़ा न होने पाए इसके भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।
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