बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से छात्राओं ने लगाई गुहार. (Supreme Court) छात्राओं द्वारा सुप्रीम कोर्ट से हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की मांगी अनुमति. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनकर लड़कियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने संबंधी याचिका पर विचार करेगा। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने 9 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में हिजाब पहनने वाली लड़कियों को अनुमति देने से कर दिया खारिज|
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वकील शादान फरासत ने SC से की अपील
वकील शादान फरासत ने कहा कि वह हेडस्कार्फ पहनती हैं और अगर छात्राएं इसे पहनेंगी तो उन्हें परीक्षा हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहींदी जाएगी। (Supreme Court) वकील ने कहा कि केवल सीमित पहलू को ध्यान में रखते हुए अदालत इसे सोमवार या शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर विचार कर सकती है।
‘छात्राओं का एक और साल हो सकता है खराब’
उन्होंने पीठ को बताया कि हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के कारण कुछ लड़कियां निजी संस्थानों में चली गई हैं, लेकिन उन्हें सरकारी संस्थानों में अपनी परीक्षा देनी होगी। (Supreme Court) उन्होंने कहा कि अगर अनुमति नहीं दी गई तो उनका एक और साल खराब हो सकता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा लड़कियों द्वारा की गयी इस मांग को खारिज कर दिया गया हैं|
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CJI चंद्रचूड़ बोले- मैं इस पर फैसला लूंगा
वकील की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं इस पर फैसला लूंगा। आपको बता दें कि पिछले साल 13 अक्टूबर को विभाजित फैसले ने हिजाब विवाद के स्थायी समाधान को रोक दिया था, क्योंकि दोनों न्यायाधीशों ने मामले को अधिनिर्णय के लिए एक बड़ी पीठ के समक्ष रखने का सुझाव दिया था। (Supreme Court) अदालत ने पिछले महीने कहा था कि वह कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध से संबंधित मामले में फैसला सुनाने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ गठित करने पर विचार करेगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा छात्राओं द्वारा मांगी गई अनुमति को खारिज कर दिया हैं|