सिरसा।(सतीश बंसल इंसां ) भारत सरकार (Government ) ने परमल धान की खरीद 15 नवंबर को बंद कर दी है, लेकिन अभी तक कई किसानों की परमल धान की फसल खेतों में ही खड़ी है। बीकेई अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि धान की रोपाई के समय हरियाणा के कई जिलों में घग्गर नदी में बाढ़ आ गई थी, जिसके कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी।
सिरसा जिले में भी घग्गर नदी में बाढ़ से हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई थी। पानी सूखने के बाद किसानों ने परमल धान की लेट वैरायटी पीआर 126 लगाई थी, जिसकी कटाई होनी अभी बाकी है। बाढ़ पीडि़त किसान पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। धान की सरकारी खरीद बंद होने से उनका धान प्राइवेट सैलरों वाले कम रेटों पर खरीदेंगे, जिससे किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी, क्योंकि बाढ़ पीडि़त किसानों ने पहले भी धान की रोपाई पर हजारों रुपए प्रति एकड़ खर्चा कर रखा था, जो बाढ़ में बह गई थी। (NTN)
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उनकी हरियाणा सरकार से अपील है कि बाढ़ पीडि़त किसानों को राहत देते हुए हरियाणा में परमल धान की सरकारी (Government ) खरीद 30 नवंबर तक बढ़ाई जाए, जिससे कि बाढ़ प्रभावित किसान अपने परमल धान की फसल को सरकारी रेटों पर बेच सकें।
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