Hit and Run – आगामी 16 फरवरी की राष्ट्रीय हड़ताल की तैयारी में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा का जीप जत्था सिरसा डिपो पहुंचा। राज्य प्रेस सचिव व एसकेएस जिला कमेटी के प्रेस प्रवक्ता व सिरसा डिपो प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने बताया कि डिपो प्रधान व सिरसा डिपो साझां मोर्चा के नेता पृथ्वी सिंह चाहर, रिछपाल सिंह संधू, मोहन सिंह सहारण व सीता सिंह की संयुक्त अध्यक्षता में गेट मीटिंग की गई। इस मौके पर सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार की वादाखिलाफी व मानी गई मांगों को लागू नहीं करने पर जमकर नारेबाजी की।
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इस मीटिंग में विशेष रूप से पहुंचे सांझा मोर्चा राज्य कमेटी के वरिष्ठ नेता शिवकुमार श्योराण व सुबे सिंह धनाना व सर्व कर्मचारी संघ जिला कमेटी से वरिष्ठ उप प्रधान मदनलाल खोथ, जिला सचिव रमेश कुमार सैनी, रिटायर्ड कर्मचारी नेता महेंद्र सिंह शर्मा, राजेंद्र सिंह अहलावत, अशोक पटवारी, सिरसा डिपो सांझा मोर्चा के नेता आत्माराम सहारन, कृष्ण कुमार फौजी मुख्य सलाहकार, धर्मवीर सिंह सहारन, यार्ड मास्टर चमन लाल स्वामी, लादूराम, निर्दोष कुमार, विनोद ढाका, आत्माराम बरासरी, शैलेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार निरानियां ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बार-बार की जा रही वादाखिलाफी व टरकाऊ रवैये से कर्मचारियों में भारी रोष है। सरकार व विभाग के उच्चाधिकारी रोडवेज कर्मचारियों की मांगों के लिए गंभीर नहीं है।
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चाहर ने बताया कि रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर सरकार की वादाखिलाफी का जवाब देने के लिए 16 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बसों का पूर्ण चक्का जाम करेंगे। चाहर ने कहा कि चालकों का वेतनमान टेक्निकल पोस्ट व हैवी लाइसेंस के हिसाब से बढ़ाया जाए व परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35400 रुपए किया जाए। अर्जित अवकाश में कटौती का पत्र वापस लेकर पहले की तरह अवकाश लागू करें। (Hit and Run)
पुरानी पेंशन बहाली, जोखिम भत्ता देने पर सरकार बिल्कुल गम्भीर नहीं है। बेड़े में 10 हजार बसों को शामिल किया जाए, ताकि 60 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। 2016 को भर्ती चालकों सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए। वर्कशॉप सहित सभी श्रेणियों में खाली पड़े रिक्त पदों को स्थाई भर्ती करके भरा जाए व 2008 में लगे परिचालकों की प्रमोशन जल्द से जल्द की जाए। चाहर ने कहा कि हिट एंड रन कानून लागू करने से चालकों में दहशत का माहौल है। दुर्घटना होने पर 10 वर्ष की जेल व 7 लाख रुपए भारी भरकम जुर्माना लगने पर वाहन चालकों का रोड़ पर चलना दुर्भर हो जाएगा। उन्होंने हिट एंड रन कानून संसद सत्र में रद्द करने की मांग की। इस मौके पर कर्मचारी नेताओं ने सरकार की वादाखिलाफी व जनविरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की।