नई दिल्ली। कुछ महीनों से एचडीएफसी बैंक(HDFC Bank) और उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के विलय की चर्चा तेज हो रही थी, जिस पर सीसीआई ने अपनी मुहर लगा दी है। जी हां, निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एचडीएफसी बैंक और उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के विलय प्रस्ताव को आज शनिवार को मंजूरी दे दी है।
प्रस्तावित संयोजन में पहले चरण में एचडीएफसी लिमिटेड के साथ एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट्स और एचडीएफसी होल्डिंग्स के विलय और बाद में एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक में विलय की परिकल्पना की गई है।शुक्रवार को एक ट्वीट में सीसीआई ने कहा कि उसने एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी इन्वेस्टमेंट्स और एचडीएफसी होल्डिंग्स के समामेलन (amalgamation) से जुड़े प्रस्तावित संयोजन को मंजूरी दे दी है।
अप्रैल में देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड ने घोषणा की थी कि वह HDFC बैंक के साथ विलय करेगी। एक निश्चित सीमा से अधिक के सौदों के लिए नियामक से अप्रूवल की आवश्यकता होती है, जो बाजार में अनुचित व्यापार प्रथाओं पर नजर रखता है, इस पर निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एचडीएफसी बैंक और उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के विलय प्रस्ताव को आज शनिवार को मंजूरी दे दी है।
बैंक ने महंगा किया लोन
आपको बता दें कि एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने 8 अगस्त 2022 को सभी तरह के लोन पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 5-10 बेसिस पॉइंट्स (BPS) की बढ़ोतरी की थी। ये सभी दरें आज 8 अगस्त से लागू हो चुकी हैं। बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक रिवाइज दरें 8 अगस्त से एचडीएफसी बैंक एक साल के MCLR बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया है। जबकि, रातोंरात एमसीएलआर बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गया है। एक साल का एमसीएलआर रिटेल लोन भी बढ़ गया है। एक महीने, तीन महीने और छह महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर की दर 7.80%, 7.85% और 7.95% होगी।