नई दिल्ली। मलेशिया में तेजस युद्धक विमान की धूम के बाद भारत की पिनाका मिसाइल पर आर्मेनिया का दिल आ गया है। आर्मेनिया ने भारत की पिनाका मिसाइल प्रणाली लेने की इच्छा जताई है। भारत अपनी इस रक्षा प्रणाली को आर्मेनिया को निर्यात करने के लिए तैयार है। भारत ने स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल राकेट लान्चर सहित मिसाइल, राकेट और गोला बारूद निर्यात करने का फैसला किया है। पिनाका प्रणाली फरवरी, 2021 में भारत की निर्यात सूची में शामिल है। पिछले पांच वर्षों में देश के रक्षा निर्यात में बड़ा इजाफा हुआ है। (Pinaka Rocket)
250 मिलियन डालर के हथियार बेचेगा भारत
1- एक रक्षा सौदे के तहत दोनों दोनों देशों के बीच इस महीने की शुरुआत में आर्मेनिया को हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। हालांकि, इस रक्षा सौदे के मूल्य का खुलासा नहीं किया गया है, रिपोर्ट का दावा है कि अगले कुछ महीनों में 250 मिलियन डालर के हथियार बेचे जाएंगे। अजरबैजान के साथ सघर्ष के दौरान आर्मेनिया को शस्त्रों की बड़ी तादाद में जरूरत है। बता दें कि 13 सितंबर को नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र में दोनों देशों के बीच जंग छिड़ी हुई है।
2- तुर्की और इजरायल दोनों अजरबैजान के पारंपरिक सहयोगी राष्ट्र हैं। 2020 में अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच झड़प के बाद तुर्की और इजरायल ने भारी तादाद में शस्त्रों की आपूर्ति की है। इजरायल ने कामिकेज ड्रोनों की बड़ी खेप अजरबैजान को दी है। उधर, आर्मेनिया को रूस ने भारी मात्रा में अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति की है। रूस यूक्रेन जंग के बाद रूस के समर्थन में कमी आई है। यूक्रेन जंग में रूस की व्यस्तता के कारण आर्मेनिया ने भारत की ओर रुख किया है। भारत और आर्मेनिया के बीच यह रक्षा सौदा एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
3- रक्षा मामलों के जानकार डा अभिषेक सिंह का कहना है कि रक्षा निर्यात में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रक्षा निर्यात पर खास फोकस किया गया है। मेक इन इंडिया के तहत इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच वर्षों में देश के रक्षा निर्यात में बड़ा इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि भारत ने 2025 तक रक्षा निर्यात के लिए 1.75 लाख करोड़ हथियारों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। पिनाका को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और स्वदेशी निजी क्षेत्र की फर्मों द्वारा निर्मित किया गया है।
राकेट लांचर पिनाका की खूबियां (Pinaka Rocket Launcher)
1- भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखे गए राकेट लांचर पिनाका (Pinaka Rocket Launcher) 70 किलोमीटर दूर तक दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकता है। यह लांचर बेहद खराब मौसम में भी फायर करने में सक्षम है। पिनाका मल्टी बैरल राकेट लांचर सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है। एक दशक पहले ही भारतीय सेना में शामिल पिनाका मिसाइल का अब उन्नत संस्करण तैयार किया गया है।
2- यह लांचर 44 सेकेंड में 72 राकेट दाग सकता है। इसको आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि हर मौसम और परिस्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसको लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से चलाना जितना आसान है उतना ही पाकिस्तान से सटे भारतीय सीमा से भी।
3- पिनाका शिव की धनुष की तरह ही विध्वंसक और अचूक है। इसी क्षमता के कारण इसका नाम पिनाका रखा गया। अडवांस्ड तकनीक से लैस यह लांचर अपने दुश्मनों को संभलने का तनिक भी मौका नहीं देता है। यह लांचर 44 सेकेंड में 72 राकेट दाग कर दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त कर सकता है। यह दुश्मनों को संभलने का मौका नहीं देता है। इसका राजस्थान के पोखरण रेंज में कई सफल टेस्ट और किए गए हैं।
कारगिल युद्ध में किया था बेहतर प्रदर्शन
वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने पिनाका मार्क-1 संस्करण का इस्तेमाल किया गया था। इसने पहाड़ पर तैनात पाकिस्तानी चौकियों को सटीकता के साथ निशाना बनाया था और युद्ध में दुश्मन को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। भारत-चीन सीमा विवाद और हिंसक झड़प के बाद भारत अपनी सैन्य क्षमता में लगातार इजाफा कर रहा है। भारत अपने सैन्य उपकरणों को अत्याधुनिक बना रहा है। भारतीय सेना चीन की किसी भी हरकत से निपटने के लिए अब हर मोर्चे पर बड़ी तैयारी कर रही है।