नई दिल्ली, 2 नवंबर (एजेंसी) केंद्र सरकार ने बुधवार को पेट्रोल में मिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले (Ethanol Oil) एथेनॉल जोकि गन्ने के रस से बनता है उसमें बढ़ोतरी की हैं। सरकार इम्पोर्टेड तेल पर निर्भरता कम करने के लिए इथेनॉल को बढ़ावा दे रही है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने तीनों प्रकार के इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है। गन्ने के रस से बने एथेनॉल की कीमत दिसंबर 2022 से शुरू होने वाले आपूर्ति वर्ष के लिए बढ़ाकर 65.60 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। वर्तमान में यह 63.45 रुपये प्रति लीटर है।
गन्ने के रस के साथ टूटे चावल और अन्य कृषि उत्पादों से निकाले गए (Ethanol Oil) इथेनॉल के उपयोग से भारत को इम्पोर्टेड तेल पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। भारत वर्तमान में अपनी 85 प्रतिशत तेल आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा करता है।
सी-हैवी शीरे से बने एथेनॉल का रेट 46.66 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 49.40 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इसी तरह बी-हैवी शीरे से बने एथेनॉल का रेट 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। फिलहाल पेट्रोल में 10% एथेनॉल मिलाया जाता है। उन्होंने कहा, “हमने किसानों को लाभ पहुंचाने के अलावा, विदेशी मुद्रा व्यय में 10 प्रतिशत सम्मिश्रण से लगभग 40,000 करोड़ रुपये की बचत की है।” उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का पायलट परीक्षण शुरू किया जाएगा।
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फर्टीलिज़ेर्स के लिए 51,875 करोड़ की सब्सिडी
रबी क्रॉप्स में फास्फेटिक और पोटाश (P&K) फर्टीलिज़ेर्स के लिए (Ethanol Oil) किसानों को 51,875 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। CCEA ने नाइट्रोजन (N) के लिए 98.02 रुपये प्रति किलो, फास्फोरस (P) के लिए 66.93 रुपये प्रति किलो, पोटाश (K) के लिए 23.65 रुपये प्रति किलो और सल्फर (S) के लिए 6.12 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी को मंजूरी दी है। बयान में कहा गया है, “फर्टीलिज़ेर्स और रॉ मटेरियल का अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव केंद्र सरकार द्वारा वहन किया गया है।”