Mobile Manufacturing Industry: देश में टेलिकॉम इंडस्ट्री में निवेश बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में भारत से मोबाइल निर्यात 10 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है। आत्मनिर्भर योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य देश में विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निवेश आकर्षित करना, निर्यात बढ़ाना और आयात पर निर्भरता कम करना है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “आने वाले वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और दूरसंचार विनिर्माण तेजी से बढ़ेगा।” उन्होंने बताया कि आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एपल ने पिछले डेढ़ साल में देश में एक लाख से ज्यादा नई नौकरियां दी हैं.
उन्होंने कहा कि एक दशक पहले मोबाइल फोन के निर्माण के लिए आवश्यक अधिकांश पुर्जे आयात किए जाते थे और अब देश में 99 प्रतिशत पुर्जे बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘दूरसंचार एक उभरता हुआ क्षेत्र है। टेलीकॉम इंडस्ट्री ने 5जी नेटवर्क शुरू करने का पहले चरण का लक्ष्य समय सीमा से पहले ही पूरा कर लिया है। देश के 387 जिलों में 5जी नेटवर्क पहुंच चुका है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, पिछले सात वर्षों में मोबाइल डिवाइस निर्माताओं और उनके आपूर्तिकर्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 2 मिलियन नौकरियां सृजित की गई हैं। स्मार्टफोन की शिपमेंट में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के बावजूद चीनी कंपनी Xiaomi पहले स्थान पर रही। इस दौरान स्मार्टफोन की शिपमेंट घटकर 2.96 करोड़ रह गई। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 4.06 करोड़ थी।
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मार्केट रिसर्च फर्म IDC की रिपोर्ट में बताया गया कि उच्च महंगाई के कारण उपभोक्ता मांग में कमी का असर स्मार्टफोन की बिक्री पर पड़ा है। 25,000 रुपये से कम की श्रेणी में स्मार्टफोन शिपमेंट में पिछले साल 15 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि 41,000 रुपये के मिड-प्रीमियम और उससे ऊपर की प्रीमियम श्रेणियों में क्रमशः 20 फीसदी और लगभग 55 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा 12,500 रुपये से कम कीमत वाले एंट्री-लेवल स्मार्टफोन्स की कैटेगरी शिपमेंट में करीब 46 फीसदी की गिरावट आई है। IDC की रिसर्च मैनेजर उपासना जोशी ने कहा कि 12 हजार रुपये से कम की कैटेगरी में नए लॉन्च कम होने से बिक्री पर असर पड़ा है. (Mobile Manufacturing Industry)