नई दिल्ली। उत्पादन: कोरोना महामारी का असर सबसे ज्यादा उद्योग पर पड़ा था। लॉकडाउन खत्म होने के बाद उद्योग जगत की गाड़ी अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। यही वजह है कि औद्योगिक उत्पादन भी बढ़ रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार अप्रैल माह में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में बेहतर इजाफा हुआ है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 7.1 फीसद तक बढ़ गया है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिजली और खनन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिला है, जिससे अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 6.3 प्रतिशत की हुई वृद्धि
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त-वर्ष के पहले महीने में मैन्युफैक्चरिंग(उत्पादन) सेक्टर में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक बिजली और खनन क्षेत्र में क्रमश: 11.8 फीसदी और 7.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। यूज्ड-बेस्ड क्लासिफिकेशन के अनुसार, कैपिटल गुड्स सेगमेंट में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि सस्टनेबल कंज्यूमर सेक्टर में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
अन्य सेक्टर्स में भी हुई बढ़ोतरी
एनएसओ ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्राइमरी गुड्स में 10.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, इंटरमीडियट गुड्स में 7.6 प्रतिशत वृद्धि हुई है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर / कंस्ट्रक्शनल गुड्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल सेक्टर में क्रमशः 3.8 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दिया था संकेत
2022-23 की तीसरी मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि अप्रैल और मई 2022 के लिए उपलब्ध जानकारी से संकेत मिलता है कि घरेलू आर्थिक गतिविधियों में सुधार मजबूत बना हुआ है। मई के लिए मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) गतिविधि और विस्तार की ओर इशारा करते हैं।